28-Jan-2024 11:23 PM
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मुंबई 28 जनवरी (संवाददाता) महाराष्ट्र के मुबंई में 84वां अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (एआईपीओसी) आज संपन्न हो गया।
इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान पीठासीन अधिकारियों ने लोकतांत्रिक संस्थाओं को जनता से जोड़ने और उन्हें अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाने की कार्य योजनाओं पर चर्चा की। श्री बिरला ने कहा कि लोकतंत्र जनता के विश्वास और भरोसे पर चलता है,, इसलिए यह लोकतांत्रिक संस्थाओं की जिम्मेदारी है कि वे अपनी कार्यशैली में आवश्यक बदलाव लाएं और यदि आवश्यक हो तो नियमों में संशोधन भी करें ताकि इन संस्थाओं में जनता का विश्वास बढ़े।
उन्होंने विधायी निकायों की सर्वोत्तम प्रथाओं का उल्लेख करते हुए केंद्र, राज्य और जमीनी स्तर की लोकतांत्रिक संस्थाओं के बीच संवाद स्थापित करने के सुझाव की सराहना की। इस संबंध में उन्होंने लोकसभा द्वारा आयोजित आउटरीच कार्यक्रम का उल्लेख किया और सुझाव दिया कि राज्य विधानमंडलों को भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करने
चाहिए।
लोकसभा अध्यक्ष ने विधानमंडलों को अधिक प्रभावी और कुशल बनाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि लोकसभा को एक मॉडल आईटी नीति बनाने और उन्हें राज्य विधायी निकायों के साथ साझा करने के लिए कुछ राज्य विधानमंडलों से सुझाव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस सुझाव पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने अपने वीडियो संबोधन में विधानमंडलों को पेपरलेस बनाने के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए जानकारी दी कि लोकसभा ने डिजिटल संसद के माध्यम से इस दिशा में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है।
उन्होंने पीठासीन अधिकारियों से ऐसी कार्ययोजना और रणनीति बनाने का आग्रह किया जिससे विधानमंडलों का समय बर्बाद न हो, और सदन के समय का उपयोग जनता के कल्याण के लिए वाद-विवाद और चर्चा में किया जा सके।
श्री बिरला ने जोर देकर कहा कि जबरन और नियोजित स्थगन की घटनाएं और व्यवधानों के कारण संसद के समय की हानि लोकतंत्र के सभी हितधारकों के लिए चिंता का विषय है। ऐसी घटनाओं से सदन की गरिमा कम होती है और जनता के बीच नकारात्मक छवि बनती है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने समापन भाषण दिया। महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस , राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश , महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने समापन सत्र की शोभा बढ़ाई और विशिष्टजनों को संबोधित किया।
इस सम्मेलन में 16 अध्यक्षों सहित 18 राज्यों के 26 पीठासीन अधिकारियों ने भाग लिया।...////...