आईएसबीटी मामले में सुप्रीम कोर्ट का यथास्थिति बनाये रखने के निर्देश
03-Jan-2024 04:01 PM 1664
नयी दिल्ली/ नैनीताल, 03 जनवरी (संवाददाता) उच्चतम न्यायालय ने हल्द्वानी में अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) के मामले में बुधवार को जारी अपने महत्वपूर्ण निर्णय में यथास्थिति बनाये रखने के निर्देश दिये। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की युगलपीठ ने हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी की अपील पर यह आदेश जारी किया है। युगलपीठ ने सभी पक्षकारों को नोटिस भी जारी किया है। रवि शंकर जोशी की ओर से उत्तराखंड उच्च न्यायालय के 23 अगस्त, 2023 के उस आदेश को चुनौती दी गयी थी जिसमें मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की अगुवाई वाली पीठ ने जनहित याचिका को खारिज करते हुए प्रदेश सरकार के निर्णय में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि प्रदेश सरकार की ओर से पहले हल्द्वानी के गौलापार में आईएसबीटी के निर्माण का निर्णय लिया गया। इसके लिये वन भूमि का चयन भी कर लिया गया। वन भूमि का चयन इस आधार पर किया गया था कि चयनित भूमि पर आईएसबीटी के अलावा कोई अन्य निर्माण नहीं किया जा सकेगा। इसके बाद प्रदेश सरकार ने गौलापार के बजाय हल्द्वानी के तीन पानी में आईएसबीटी के निर्माण का निर्णय ले लिया। अपीलकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि आईएसबीटी के निर्माण के लिये प्रदेश सरकार ने चयनित भूमि से 2700 पेड़ भी काट दिये। इतनी बड़ी संख्या में पेड़ काटने के बावजूद आईएसबीटी का निर्माण नहीं किया जा रहा है। अपीलकर्ता की ओर से दायर अपील में यह तथ्य भी दिया गया कि गौलापार में आईएसबीटी का निर्माण तीन पानी के मुकाबले काफी कम लागत में किया जा रहा था जबकि तीन पानी में आईएसबीटी की लागत काफी बढ़ गयी है। तीन पानी में 110 करोड़ की लागत से सिर्फ सड़क का निर्माण किया जा रहा है। अपीलकर्ता के अधिवक्ता कार्तिक जयशंकर ने बताया कि एससी की खंडपीठ ने केन्द्र, राज्य सरकार के साथ ही वन विभाग, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ), प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी हल्द्वानी के अलावा नैनीताल के जिलाधिकारी को नोटिस जारी करते हुए फिलहाल यथास्थिति बनाये रखने के निर्देश दिये हैं।...////...
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