18-Mar-2024 11:55 PM
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नयी दिल्ली, 18 मार्च (संवाददाता) संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले निकाय इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के 37वां स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में राजधानी दिल्ली और इस केन्द्र के क्षेत्रीय संस्थानों में 19-21 मार्च तक सांस्कृतिक आयोजनों की धूम रहेगी।
इस दौरान, विख्यात कलाकारों द्वारा शास्त्रीय गायन, वादन, नृत्य, फूलों की होली, वर्कशॉप और बास्केट्री प्रदर्शनी आदि का आयोजन किया जायेगा। आईजीएनसीए की स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को संस्थान के कला दर्शन प्रभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. ऋचा कम्बोज, राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन की निदेशक डॉ. ऋचा नेगी और मीडिया सेंटर के नियंत्रक अनुराग पुनेठा ने पत्रकारों को यह जानकारी दी।
श्री पुनेठा ने बताया कि अक्काराई बहनों एस. सुब्बलक्षमी और एस. सोरनलता के वायलिन वादन से स्थापना दिवस के पहले दिन 19 मार्च को शास्त्रीय संगीत के आयोजन की शुरुआत होगी। पहले दिन ही प्रख्यात सरोद वादक अयान अली बंगश श्रोताओं के कानों में रस घोलेंगे। दूसरे दिन 20 मार्च को प्रख्यात संतूर वादक पं. राहुल शर्मा श्रोताओं को घाटियों की सैर कराएंगे, तो शास्त्रीय गायन की महारथी विदुषी आरती अंकिलेकर टिकेकर अपने गायन से श्रोताओं को मुग्ध करेंगी। उन्होंने बताया कि आईजीएनसीए मुख्यालय के साथ-साथ इसके नौ क्षेत्रीय केंद्रों पर भी स्थापना दिवस से जुड़े विविध कार्यक्रम होंगें।
इन कार्यक्रमों से पहले सोमवार को यहां उत्तर-पूर्व के बांस की कला ‘बास्केट्री’ की प्रदर्शनी केंद्र के भूतल पर स्थित ‘दर्शनम’ कला दीर्घा में उद्घाटन किया गया है, जो 22 मार्च तक चलेगी।
इस दौरान, संग्रहालयों में विभीषिका से बचाव के विषय में 20-22 मार्च तक एक वर्कशॉप भी आयोजित किया जाएगा। इसमें संग्रहालयों से जुड़े पेशेवरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्थापना दिवस समारोह के तीसरे दिन दो पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा। इसमें लेखक प्रो. लोकेश चंद्र की पुस्तक ‘सिद्धम कैलिग्राफी ऑफ संस्कृत हेरोनिम्स’ का विमोचन किया जायेगा। इसे आईजीएनसीए ने ही प्रकाशित किया है। एक अन्य पुस्तक है ‘संस्कृत मेनुस्क्रिप्ट्स फ्रॉम जापान- खंड 1’, के विमोचन के साथ इस पर चर्चा भी होगी।
डॉ. ऋचा नेगी ने बताया कि 21 मार्च को लोक संगीत से जुड़े कार्यक्रम होंगे। उस दिन सुश्री अर्चना कोयतारा बुंदेलखंड के प्रसिद्ध लोककवि ईसुरी के फाग की प्रस्तुति देंगी, वहीं पी. अयप्पास्वामी और उनके दल द्वारा आंध्र प्रदेश के गारगालु नृत्य की प्रस्तुति होगी। तीसरे दिन ही धानारानी देवी अपने दल के साथ बसंत रास प्रस्तुत करेंगी और देवेंद्र पाल अपने समूह के साथ फूलों की होली से ब्रज के रंग बिखेरेंगे।...////...