09-Oct-2024 09:16 PM
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गुरुग्राम, 09 अक्टूबर (संवाददाता) इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (आईपीसीए) ने बुधवार को गुरुग्राम के भोंडसी क्षेत्र में एक नई सामग्री पुनर्प्राप्ति केंद्र(एमआरएफ) की स्थापना की।
यह पहल "प्लास्टिक के प्रति जिम्मेदार दृष्टिकोण विकसित करने" (डीआरओपी) परियोजना के तहत की गई है। इस अत्याधुनिक केंद्र का उद्घाटन पुड्डुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल एवं भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की पूर्व अधिकारी डॉ. किरण बेदी ने किया।
यह अत्याधुनिक सुविधा केंद्र दैनिक रूप से गुरुग्राम में तेजी से उत्पन्न होते कचरे का प्रबंधन करने में मदद करेगी। इस एमआरएफ में उन्नत मशीनरी का उपयोग करके प्लास्टिक कचरे को अलग करने और प्रशंस्करण करने की सुविधा है, जिससे कचरा प्रबंधन प्रक्रिया को अधिक कुशल और व्यवस्थित बनाया जा सकेगा।
हाल ही में आई एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार, भारत प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करने वाला सबसे बड़ा देश है और अनुमान है कि 2050 तक यह चुनौती और भी बड़ी हो जाएगी। आईपीसीए ने इस चुनौती का सामना करने की तैयारी 24 साल पहले ही शुरू कर दी थी। मौजूदा समय में आईपीसीए ग्रेटर नोएडा और पटियाला में प्रतिदिन 50 टन प्लास्टिक कचरे का पुनर्चक्रण करता है, जिससे एक स्वच्छ और हरित भविष्य का निर्माण हो रहा है।
इस मौके पर डॉ. बेदी ने कहा, "इस प्रकार की सामाजिक पहल का न केवल पर्यावरण पर बल्कि समाज पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। डी.आर.ओ.पी. जैसी परियोजनाएं जमीनी स्तर पर प्लास्टिक कचरा प्रबंधन को न केवल क्रियान्वित कर रही है वरन और समाज को अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए भी प्रेरित करती हैं।"
वहीं, आईपीसीए के संस्थापक निदेशक अशिश जैन ने कहा, "डीआरओपी परियोजना प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लेकर आई है और इसने अब तक पांच राज्यों में 19 लाख से अधिक लोगों तक अपनी पहुंच बनाई है। हमारा ध्यान केवल कचरे के संग्रहण पर नहीं है, बल्कि प्लास्टिक के उपभोग और निपटान के प्रति सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने पर भी केंद्रित है। इस पहल के माध्यम से हम समुदायों को जोड़कर और स्थायी कचरा प्रबंधन प्रणालियाँ स्थापित कर एक स्वच्छ भविष्य की दिशा में काम कर रहे हैं। गुरुग्राम में मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी का उद्घाटन इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।"
उल्लेखनीय है कि डीआरओपी किआ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) पहल है, जिसे आईपीसीए द्वारा 2023 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य नागरिकों में प्लास्टिक के उपभोग और निपटान के प्रति जागरुकता को बढ़ावा देना है। इस परियोजना के तहत गुरुग्राम, मुंबई, विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम और बेंगलुरु सहित कई स्थानों पर प्लास्टिक कचरा संग्रह, पृथक्करण और पुनर्चक्रण के लिए व्यापक समाधान प्रदान किए गए हैं।...////...