आगरा की अदालत में कंगना के खिलाफ परिवाद खारिज
16-Apr-2022 08:50 PM 1755
आगरा, 16 अप्रैल (AGENCY) उत्तर प्रदेश में आगरा की एक अदालत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रद्रोह एवं मानहानि के तहत प्रस्तुत परिवाद को शनिवार को खारिज कर दिया। दूसरी ओर वाद दायर करने वाले अधिवक्ता ने इस मामले में रिवीजन याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने 23 नवंबर, 2021 को विशेष अदालत में परिवाद दर्ज करने को प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया था। यह प्रार्थना-पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बालीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज करने के लिए था। अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। उनका कहना था कि 17 नवंबर, 2021 को उन्होंने समाचार पत्रों में अभिनेत्री कंगना द्वारा महात्मा गांधी के प्रति अपमानजनक एवं अमर्यादित टिप्पणी व पोस्ट को पढ़ा। पोस्ट में आजादी भीख मिली कहा गया था एवं महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का उपहास उड़ाया था। प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया कि अभिनेत्री ने अपनी टिप्पणी से महात्मा गांधी, देशभक्त बलिदानियों व स्वतंत्रा संग्राम सेनानियों समेत पूरे राष्ट्र का अपमान किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी। उन्होंने ऐसा न कर अपने कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व का पालन नहीं किया। इससे पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर की भी गांधी जी के प्रति अमर्यादित टिप्पणी पर भी प्रधानमंत्री मौन साध गए थे, जिससे प्रार्थी समेत अन्य अधिवक्ताओं व करोड़ों देशवासियों की भावना को ठेस पहुंची। अधिवक्ता एवं वादी रमाशंकर शर्मा ने 15 दिसंबर, 2021 को मुख्य न्यायिक की अदालत में अपने बयान दर्ज कराए थे। इसके अलावा अधिवक्ता रामदत्त दिवाकर एवं राजेंद्र गुप्ता के बयान अदालत में दर्ज कराकर मुकदमे के विचारण के लिए विपक्षीगणों को तलब करने का आग्रह अदालत से किया था। विशेष मजिस्ट्रेट एमपी/एमएलए अर्जुन ने पत्रावली के अवलोकन के बाद पेप्सी फूड्स लिमिटेड बनाम विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट 1998 और पंजाब नेशनल बैंक बनाम सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा की नजीर उद्धत कर परिवादी रमाशंकर शर्मा द्वारा प्रस्तुत मुकदमे को खारिज करने के आदेश किए। विशेष मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा कि परिवादी द्वारा अपने परिवाद में उक्त तथ्य स्पष्ट नहीं किया है कि परिवादी की कंगना रनौत के वक्तव्य से किस प्रकार मानहानि हुई। विपक्षीगण द्वारा परिवादी को कोई भी अपमानजनक तथ्य नहीं कहा गया है। कंगना रनौत का कथन मात्र वक्तव्य है, उस वक्तव्य को इस संदर्भ में ग्रहण नहीं किया जा सकता कि उनका उद्देश्य परिवादी की मानहानि करना है। राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं मुकदमा प्रस्तुत करने वाले अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा का कहना है कि वह इस मामले में सत्र न्यायालय में रिवीजन दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा,‘यह मामला देशभक्त शहीदों, राष्ट्रपति महात्मा गांधी एवं स्वतंत्रता सेनानियों के अपमान का है, न कि मेरी व्यक्तिगत मानहानि का।...////...
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