17-Jun-2022 10:11 PM
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मुंबई, 17 जून (AGENCY) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को देश के लिए भुगतान के तरीकों पर एक दृष्टिकोण पत्र 'भुगतान दृष्टि 2025' जारी किया और कहा कि इस उद्देश्य प्रत्येक उपयोगकर्ता को सुरक्षित, सुरक्षित, तेज, सुविधाजनक, सुलभ और किफायती ई-भुगतान विकल्प प्रदान करना है।
आरबीआई की विज्ञप्ति में कहा गया है कि भुगतान अवधि के दौरान, आरबीआई का लक्ष्य डिजिटल भुगतान लेनदेन में 3 गुना से अधिक की वृद्धि हासिल करना है। इस अवधि के दौरान यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) प्रणाली से भुगतान में वार्षिक 50 प्रतिशत से अधिक की दर से वृद्धि की उम्मीद है।
आरबीआई ने कहा कि भुगतान पर इस नए दृष्टिकोण पत्र को निष्ठा, समावेश, नवाचार, संस्थागत व्यवहार और अंतर्राष्ट्रीयकरण- इनपांच प्रमुख लक्ष्यों के साथ प्रस्तुत किया गया है। बढ़ते खतरे के परिदृश्य से निपटने और उबरने के लिए परिचालन और सुरक्षा चिंताओं के प्रति प्रणाली को मजबूत रखा जाएगा। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि ग्राहकों के विश्वास को मजबूत करने के लिए भुगतान प्रणालियों की सत्यनिष्ठा पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।
आरबीआई का कहना है कि कुछ हद तक कोविड19 महामारी के चलते डिजिटल और सम्पर्कमुक्त भुगतान के तरीकों को अपनाने की दिशा में ग्राहकों के व्यवहार में बदलाव के साथ मोबाइल बैंकिंग उपयोगकर्ताओं में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह पहली बार डिजिटल तरीके से बैंकिंग में शामिल होने वाले उपभोक्ताओं में बढ़ोतरी का संकेत देता है।
इस पत्र में अनुमान है कि 2025 तक चेक-आधारित भुगतानों की मात्रा कुल खुदरा भुगतान के 0.25% से कम रह जाएगी। इस दौरान डिजिटल भुगतान लेनदेन की संख्या में 3 गुना से अधिक की वृद्धि होने , यूपीआई में 50 प्रतिशत वार्षिक की दर से वृद्धि और आईएमपीएस/ नेफ्ट में 20 प्रतिशत की दर से वृद्ध होने की संभावना है।
इसी तरह प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) पर डेबिट कार्ड से लेनदेन में 20 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।...////...