आरबीआई ने वित्तीय क्षेत्र में एआई के जिम्मेवार इस्तेमाल के लिए बनाई कमेटी
06-Dec-2024 02:36 PM 2661
मुंबई 06 दिसंबर (संवाददाता) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तीय क्षेत्र में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के जिम्मेवार और नैतिक रूप से सक्षम इस्तेमाल की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक समिति बनाए जाने की घोषणा की। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक के बाद चालू वित्त वर्ष की पांचवी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए शुक्रवार को कहा कि वित्तीय क्षेत्र का परिदृश्य अग्रणी प्रौद्योगिकियों के आगमन के साथ प्रतिमान बदलाव देख रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, टोकनाइजेशन, क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी प्रौद्योगिकियां वित्तीय क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी क्षमता रखती हैं क्योंकि वे भारी मात्रा में डेटा को संभाल सकती हैं, जटिल प्रक्रियाओं को स्वचालित कर सकती हैं, निर्णय लेने में सुधार कर सकती हैं और अभूतपूर्व दक्षता ला सकती हैं। हालांकि इनके कई लाभ हैं तो एल्गोरिदमिक पूर्वाग्रह, निर्णयों की व्याख्या, डेटा गोपनीयता आदि जैसे जोखिम भी अधिक हैं। श्री दास ने कहा कि इस दिशा में एक कदम के रूप में, वित्तीय क्षेत्र में एआई के जिम्मेदार और नैतिक इस्तेमाल के उद्देश्य रूपरेखा विकसित करने के लिए एक समिति का गठन करने का प्रस्ताव है। समिति में विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे और वित्तीय क्षेत्र के लिए एक मजबूत, व्यापक और अनुकूलनीय एसआई रूपरेखा की सिफारिश करेंगे। समिति का विवरण अलग से अधिसूचित किया जाएगा। रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने और कम करने के लिए आरबीआई बैंकों और अन्य हितधारकों के साथ विभिन्न उपाय कर रहा है। इनमें साइबर सुरक्षा, साइबर धोखाधड़ी की रोकथाम और लेन-देन की निगरानी को मजबूत करने के लिए विनियमित संस्थाओं को केंद्रीय बैंक के दिशा-निर्देश शामिल हैं। धोखाधड़ी करने वालों द्वारा धोखाधड़ी की आय को चैनल करने के लिए मनी म्यूल खातों का उपयोग एक सामान्य तरीका है। आरबीआई वर्तमान में "शून्य वित्तीय धोखाधड़ी" थीम पर एक हैकथॉन चला रहा है जिसमें म्यूल खातों पर एक विशिष्ट समस्या विवरण शामिल है ताकि म्यूल खातों के उपयोग को रोकने के लिए अभिनव समाधानों के विकास को प्रोत्साहित किया जा सके। श्री दास ने कहा कि इस दिशा में एक अन्य पहल एआई-मशीन लर्निंग आधारित मॉडल है जिसे ‘म्यूलहंटरडॉटएआई’ कहा जाता है। इसे रिजर्व बैंक की सहायक कंपनी रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) द्वारा संचालित किया जा रहा है। यह मॉडल एक कुशल तरीके से म्यूल बैंक खातों का पता लगाने में सक्षम बनाता है। दो बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ एक पायलट परियोजना ने उत्साहजनक परिणाम दिए हैं। बैंकों को वित्तीय धोखाधड़ी करने के लिए म्यूल बैंक खातों के उपयोग के मुद्दे से निपटने के लिए म्यूलहंटरडॉटएआई पहल को और विकसित करने के लिए आरबीआईएच के साथ सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।...////...
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