आरएसएस के विपरीत, विचारों की बहुलता को मानती है कांग्रेस: राहुल
09-Sep-2024 01:50 PM 1220
डलास, 09 सितंबर (संवाददाता) कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा और कहा कि जहां “उनका मानना ​​है कि भारत एक विचार है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का मानना ​​है कि भारत विचारों की बहुलता वाला देश है।” डलास में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए श्री गांधी ने कहा, “हमारा मानना ​​है कि हर किसी को सपने देखने की अनुमति दी जानी चाहिए और उनकी जाति, भाषा, धर्म, परंपरा या इतिहास की परवाह किए बिना उन्हें भाग लेने की अनुमति एवं स्थान दिया जाना चाहिए।” उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि 2024 का आम चुनाव भाजपा के लिए एक बड़ा झटका था साथ ही कहा , “हमने देखा कि चुनाव परिणाम के कुछ ही मिनटों के भीतर, भारत में कोई भी भाजपा या भारत के प्रधान मंत्री से नहीं डरता था। इसलिए ये बहुत बड़ी उपलब्धियां हैं, राहुल गांधी या कांग्रेस पार्टी की नहीं।” उन्होंने आगे कहा, “ये भारत के लोगों की बहुत बड़ी उपलब्धियाँ हैं जिन्होंने लोकतंत्र को महसूस किया, भारत के लोगों की जिन्होंने महसूस किया कि हम अपने संविधान पर हमले को स्वीकार नहीं करेंगे। हम अपने धर्म, अपने राज्य पर हमले को स्वीकार नहीं करने जा रहे हैं।” श्री गांधी ने कहा कि चुनाव में लड़ाई उसी समय साफ हो गयी थी, जब भारत के लाखों लोगों ने स्पष्ट रूप से समझ लिया कि प्रधानमंत्री मोदी संविधान पर हमला कर रहे हैं। रायबरेली के सांसद ने कहा, “मैंने जो एक-एक शब्द आपसे कहा है, वह संविधान में है। आधुनिक भारत की नींव संविधान है। चुनाव में लोगों ने जो स्पष्ट रूप से समझा और मैंने देखा कि जब मैं संविधान उठाता था, तब लोगों ने समझा कि मै क्या कह रहा था। “ वे कह रहे थे कि भाजपा हमारी परंपरा पर हमला कर रही है, हमारी भाषा पर हमला कर रही है, हमारे राज्यों पर हमला कर रही है, हमारे इतिहास पर हमला कर रही है।' श्री गांधी ने कहा “संसद में मेरे पहले भाषण में, जब मैंने 'अभय मुद्रा' का वर्णन किया तो आपने देखा होगा कि यह निर्भयता का प्रतीक है और यह हर एक भारतीय धर्म में मौजूद है। जब मैं यह कह रहा था, तो भाजपा इसे स्वीकार नहीं कर सकी। वे नहीं समझते हैं, और हम उन्हें समझाने जा रहे हैं।' भारतीय प्रवासियों की सराहना करते हुए श्री गांधी ने कहा, “आप वे लोग हैं जो भारत से आए हैं, और जिन मूल्यों का मैं वर्णन कर रहा हूं - संविधान के मूल्य, सम्मान के मूल्य, विनम्रता के मूल्य - आप अपने दिलों में रखते हैं, वे आपके अंदर रक्त में हैं। जब आप इस देश में आए, तो आप अहंकार के साथ नहीं, बल्कि विनम्रता के साथ आए। आप घृणा के साथ नहीं, बल्कि प्यार और स्नेह के साथ आए, यह सोचकर कि 'हम अमेरिका आए हैं 'कौन हैं ये लोग?' नहीं, आप सम्मान के साथ आए हैं। आपके दिलों में सम्मान, प्यार और विनम्रता है।” उन्होंने उन्हें ऐसे राजदूत करार दिया जो इन दो संघों - संयुक्त राज्य अमेरिका और राज्यों के संघ के बीच एक सेतु है, जैसा कि भारत के संविधान में लिखा है। श्री गांधी अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं।...////...
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