आरती और अभिषेक को इंदौर हाईकोर्ट से मिली राहत, लेकिन भोपाल में केस दर्ज होने से बाहर नहीं आ पाएंगे
28-Aug-2021 06:59 PM 1847
इंदौर में हनी ट्रैप मामले में आरोपी आरती दयाल और अभिषेक को इंदौर हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है, लेकिन भोपाल के मामले में दोनों ही आरोपी विचाराधीन हैं। इस कारण वह फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। दोनों ने कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। इस पर शनिवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में 2 माह पहले श्वेता विजय जैन व श्वेता स्वप्निल जैन को जमानत मिली थी, लेकिन श्वेता विजय जैन में भोपाल के अंदर मानव तस्करी मामला विचाराधीन होने से वह बाहर नहीं आ पाई थी। घटना में अभिषेक द्वारा आरती और मोनिका के फर्जी आधार कार्ड बनाने में उसे भी आरोपी बनाया गया था। आरती के वकील धर्मेंद्र गुर्जर ने बताया, जेल में बंद सभी महिला आरोपियों सहित अभिषेक को इंदौर केस में जमानत मिल गई है। आरोपियों ने यह कहते हुए हाई कोर्ट में जमानत याचिकाएं प्रस्तुत की थी कि केस के फैसले में लंबा समय लगने की आशंका है। पुलिस इस मामले में जांच पूरी कर चुकी है। मामले में सीपी पुरोहित द्वारा मोनिका की जमानत के लिए याचिका लगाई थी। कौन है आरती दयाल 2 वर्ष पहले इंदौर में गिरफ्तारी के दौरान सामने आए दस्तावेजों में आरती के पति का नाम पंकज दयाल बताया गया था । लेकिन, दावा यह किया जा रहा था कि आरती ने फरीदाबाद (हरियाणा) के एलजीएम नगर में रहने वाले अनिल वर्मा के साथ शादी की थी। संबंध बिगड़ने पर आरती ने छतरपुर न्यायालय और कुटुंब न्यायालय में अनिल वर्मा, उसके पिता और मां के खिलाफ मार्च 2014 में प्रकरण दर्ज कराया था। बाद में दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया। इसके बाद आरती ने अनिल को छोड़ दिया। 2017 में वह छतरपुर के ही देरी रोड पर रहने वाले पंकज दयाल के संपर्क में आई। दोनों बगैर शादी किए ही लिव इन में रहने लगे थे। यह है मामला 18 सितंबर (बुधवार) को क्राइम ब्रांच ने भोपाल से तीन और इंदौर से दो महिलाओं समेत ड्राइवर को गिरफ्तार किया था। आरोपी महिलाओं ने इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह को हनी ट्रैप में फंसाकर वीडियो के जरिए तीन करोड़ रुपए की मांग की थी। पलासिया थाने में सभी आरोपी आरती दयाल, मोनिका यादव, श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा सोनी भटनागर और ड्राइवर ओमप्रकाश कोरी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह महिलाएं नेताओं और अफसरों के पास काॅल गर्ल भेजकर उनके आपत्तिजनक वीडियो बनाती थीं। उन्हें वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करती थीं। कुछ दिन पहले भी गिरोह की मुखिया ने एक सीनियर अफसर के साथ का आपत्तिजनक वीडियो वायरल किया था। यह बात भी सामने आई है कि हाईप्रोफाइल रैकेट की मुखिया के पास कई राजनेताओं और अफसरों की सीडी भी है। honeytrap..///..aarti-and-abhishek-get-relief-from-indore-high-court-but-will-not-be-able-to-come-out-after-registering-a-case-in-bhopal-314006
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