आतंकवाद वैश्विक चुनौती, लोकतांत्रिक देश एकजुटता से करें साझी कार्रवाई : बिरला
02-May-2025 07:45 PM 5784
नयी दिल्ली, 02 मई (संवाददाता) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आतंकवाद को राष्ट्रीय सीमाओं से परे वैश्विक चुनौती बताते हुए आज कहा कि इस समस्या को समाप्त करने के लिए शांति, सुरक्षा और विधि के शासन के प्रति साझी प्रतिबद्धता वाले सभी लोकतांत्रिक देशों को एकजुट होकर निर्णायक कार्रवाई करनी होगी। श्री बिरला ने ये टिप्पणी आज संसद भवन परिसर में जापान के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के स्पीकर नुकागा फुकुशिरो के नेतृत्व में भारत यात्रा पर आए जापानी संसदीय शिष्टमंडल के साथ अपनी बैठक के दौरान की। श्री बिरला ने कहा कि आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने और लोकतांत्रिक देशों के मूलभूत मूल्यों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के सम्मान और परस्पर विश्वास की भावना के साथ सामूहिक और कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। जापानी संसद के स्पीकर श्री नुकागा फुकुशिरो ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के विरुद्ध भारत की लड़ाई में जापान के समर्थन की पुष्टि की। श्री बिरला ने पहलगाम आतंकवादी हमले के मामले में भारत के साथ खड़े रहने के लिए जापान के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में, भारत और जापान की मित्रता विश्व में शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। श्री बिरला ने क्वाड, जी-20 और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसे बहुपक्षीय मंचों पर भारत और जापान के बीच साझेदारी का उल्लेख करते हुए कहा कि क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के बारे में हमारी चिंताएँ और दृष्टिकोण एक समान है। श्री बिरला ने आगे कहा कि परस्पर सहयोग पर आधारित हमारे संबंध दोनों देशों के परस्पर लाभ और प्रगति के साथ ही इंडो-पेसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि बदलते परिप्रेक्ष्य में इस मित्रता ने रणनीतिक और वैश्विक सहयोग का रूप ले लिया है। लोकसभा अध्यक्ष ने इस बात का उल्लेख किया कि भारत और जापान के बीच मित्रता सभ्यतागत संपर्कों, बौद्ध धर्म की साझी विरासत और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति साझी प्रतिबद्धता पर आधारित है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि हर साल बड़ी संख्या में जापानी पर्यटक और तीर्थयात्री भारत आते हैं और बौद्ध धर्म से जुड़े स्थानों की यात्रा करते हैं, जिससे दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध और मजबूत हो रहे हैं। श्री बिरला ने भारत के 50 हजार से अधिक कुशल कर्मियों को जापान में विभिन्न क्षेत्रों में अवसर प्रदान किए जाने के जापान के प्रस्ताव का भी स्वागत किया। उन्होंने जापान में भारतीय छात्रों को अधिक अवसर प्रदान किए जाने की सराहना करते हुए भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग के आश्वासन के लिए जापान का आभार व्यक्त किया। पिछले साल भारत ने संविधान निर्माण के 75 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा पूरी करने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की प्रगति और विकास की गाथा में संविधान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। संविधान के मार्गदर्शन में स्वतंत्रता के बाद देश में बड़े पैमाने पर सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन हुए और जन कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। श्री बिरला ने ‘दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016’ और ‘उभयलिंगी व्यक्ति अधिनियम, 2019’ जैसे कानूनों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन कानूनों ने समाज के अंतिम व्यक्ति को मुख्यधारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने शिष्टमंडल को बताया कि आधुनिक, संतुलित और प्रगतिशील समाज के निर्माण के लिए भारत की विधायी प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पारित किया गया, जिसमें संघ और राज्य विधानमंडलों में महिलाओं के लिए सीटों का आरक्षण किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत की संसद ने अपनी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने और इसे जन-सुलभ और अधिक दक्ष बनाने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी और एआई का उपयोग बढ़ाया है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने इन अनुभवों को जापान की संसद के साथ साझा करने का प्रस्ताव रखा। इस अवसर पर राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश, राज्य सभा सदस्य संजय झा, लोकसभा सांसद भर्तृहरि महताब, दीपेंद्र सिंह हुड्डा और सुश्री कमलजीत सहरावत उपस्थित थे।...////...
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