अग्निपथ योजना के खिलाफ भारत बंद के दौरान कुछ राज्यों में छुट-पुट प्रदर्शन, 500 से अधिक ट्रेन रद्द
20-Jun-2022 10:29 PM 7360
नयी दिल्ली,20 जून (AGENCY) सेनाओं में भर्ती की नयी योजना ‘अग्निपथ’ के विरोध में विपक्षी दलों और कई अन्य संगठनों के सोमवार को भारत बंद के आह्वान का देश के विभिन्न भागों में कोई खास असर नहीं दिखा और उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा में दुकानें और बाजार खुले रहे और सड़कों पर यातायात भी सामान्य दिखा। बंद के दौरान रेलवे ने सोमवार को एहतियात के तौर पर 530 से अधिक ट्रेन रद्द कर दी थीं, जिनमें 348 यात्री और 181 मेल और एक्सप्रेस शामिल हैं। राज्य सरकारों ने कई जगह इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी तौर पर स्थगित कर दिया था ताकि शरारती तत्व बंद में हिंसा भड़काने के लिए सोशल नेटवर्क का इस्तेमाल न कर सकें। बिहार के 20 जिलों में इंटरनेट सेवाएं प्रभावित थी। छपरा में दुकाने बंद रहीं लेकिन बंद के दौरान बड़ी घटना की सूचना नहीं थी। दिल्ली में कांग्रेस पार्टी ने अग्निपथ योजना को वापस लिए जाने को लेकर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को ज्ञापन दिया। राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पार्टी के सात नेताओं के दल ने श्री कोविंद से मिलकर उन्हें अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग का ज्ञापन दिया। कांग्रेस ने राष्ट्रपति को एक और पत्र दिया, जिसमें कांग्रेस पार्टी को सरकार की ओर से डराने-धमकाने और कुचलने की कोशिश का आरोप लगाया गया। बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न राज्यों ने बंद की अपील को देखते हुए खास कर बड़े शहरों और कस्बों में जगह-जगह पुलिस बंदोबस्त कड़ा कर रखा था। दिल्ली में खास कर दूसरे प्रदेशों से लगे सीमावर्ती इलाकों में पुलिस की गश्ती बढ़ा दी गयी थी। राजधानी में कांग्रेस पार्टी की ओर से जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया गया लेकिन शहर में दुकानें, बाजार और प्रतिष्ठान खुले रहे। सड़कों पर यातायात भी सामान्य दिनों की तरह ही दिखा। दिल्ली, नोएडा के बीच चिल्ला नाके पर ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ कुछ संगठनों के द्वारा विरोध प्रदर्शन के कारण दोनों तरफ जाम की स्थिति बन गयी थी और वाहनों की लंबी कतारें देखी गयीं। दिल्ली-नोएडा फ्लाई-वे और दिल्ली-गुणगांवा एक्सप्रेस-वे पर भी भीड़-भाड़ के चलते यातायात धीमा रहा। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, गाजियाबाद और अन्य शहरों में जीआरपी, आरपीएफ और पुलिस की गश्ती टीमें तैनात की गयीं थी। बंद के दौरान कई ट्रेन रद्द कर दी गयीं थी, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। स्टेशनों पर हालांकि जनता के लिए हेल्प डेस्क बनाई गयी थी। हरियाणा में फतेहाबाद, अंबाला रेवाड़ी और सोनीपत में कुछ जगह सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन हुए। पंजाब में अमृतसर, लुधियाना और कई अन्य शहरों में खास कर रेलवें स्टेशनों पर पुलिस की गश्त बढ़ा दी गयी थी। झारखंड में अग्निपथ के विरोध में पिछले कुछ दिनों में हुए हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने बंद के दौरान चौकसी बढ़ा दी थी। राज्य में जमशेदपुर, पलामू और अन्य शहरों में बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुले हुए थे। रांची में कई थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू होने से चहल-पहल कम रही। रांची से सुबह बिहार, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और अन्य जिलों के लिए बमुश्किल से 40 यात्री बस निकली, जबकि अन्य दिनों में इनकी संख्या सौ से अधिक होती हैं। बिहार और दूसरे राज्यों के लिए लंबी दूरी की यात्री वाहन बस स्टैंड पर खड़ी नजर आयीं। रांची में बंद के समर्थन में किसी संगठन के लोग सड़क पर नहीं उतरे, बल्कि एहतियात और सुरक्षा कारणों की वजह से कई दुकानें एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। शहर के छह थाना क्षेत्रों में अभी भी निषेधाज्ञा लागू है और कई इलाकों में बैरिकेडिंग का असर भी व्यवसाय पर पड़ा है। सड़कों पर ऑटो और निजी वाहन भी कम संख्या में चले, लेकिन सरकारी कार्यालयों और बैंक एवं पीएसयू में आम दिनों की तरह काम हुआ, लेकिन उपस्थिति कम रही। सेना बहाली को लेकर केंद्र सरकार की नई योजना का सबसे अधिक असर रेलगाड़ियों के परिचालन पर पड़ा है। इस पिछले तीन दिनों से लगातार ट्रेन परिचालन पर ग्रहण लगा हुआ है। कई ट्रेनें यार्ड में खड़ी हैं, तो कई ट्रेनों को स्टेशन पर ही रोक दिया गया है। 20 जून को जिन आठ ट्रेनों का परिचालन रद्द रहा, उसमें चोपन-रांची एक्सप्रेस, हटिया-पूर्णिया कोर्ट एक्सप्रेस, पटना-जनशताब्दी एक्सप्रेस, पूर्णिया-हटिया एक्सप्रेस, पटना-रांची जनशताब्दी एक्सप्रेस, पटना-हटिया एक्सप्रेस, इस्लामपुर-हटिया एक्सप्रेस और सासाराम-रांची एक्सप्रेस शामिल हैं। जम्मू में विपक्षी कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने नयी सैन्य भर्ती योजना को वापस लेने की मांग को लेकर कई जगह प्रदर्शन किया और यातायात रोकने की कोशिश की। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। राजस्थान में जोधपुर, जयपुर और अन्य बड़े शहरों में बंद के दौरान अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस के इंतजाम बढ़ा दिए गए थे। पश्चिम बंगाल में बंद के दौरान हिंसा और उपद्रव को रोकने के लिए जगह-जगह पुलिस की टुकड़ियां गश्त कर रहीं थी। हुगली और कई अन्य रेलवे स्टेशनों पर बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात किए गए थे। इस बीच, पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्विटर पर कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा योजना के खिलाफ 24 जून को देश भर में जिला और तहसील मुख्यालयों पर विरोध-प्रदर्शन करेगा। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि मोर्चे की समन्यव समिति कि करनाल में हुई बैठक में यह फैसला किया गया है।...////...
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