अंतरराष्ट्रीय विज्ञान में महिलाओं, लड़कियों की सहभागिता दिवस आयोजित
11-Feb-2022 07:55 PM 2328
कपूरथला,11 फरवरी (AGENCY) विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों की सहभागिता के अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर शुक्रवार को पुष्पा गुजराल साइंस सिटी की ओर से एक विचार गोष्ठी करवाई गई, जिसमें विज्ञान, टेक्नालोजी, इंजीनियरिंग और गणित में अपनी अलग पहचान बनाने वाली प्रसिद्ध महिलाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर केन्द्र सरकार के विज्ञान एवं टेक्नालोजी विभाग के सहयोग से वाइज विजन किरण स्कीम तहत दो दिवसीय लेक्चरों की श्रृंखला की शुरुआत की गई। प्रधानमंत्री कार्यालय के सलाहकार, केन्द्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार, पूर्व वैज्ञानिक सचिव और पूर्व वैज्ञानिक डॉ स्वाति बासु मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुई। इन्हें भारत की ‘मौसम महिला' का मान हासिल है। डॉ स्वाति बासु ने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में महिलाएं और लड़कियों की बराबर पहुंच और सहभागिता को उत्सािहत करने के उद्देश्य से महिला व लड़कियों की विज्ञान के क्षेत्र में सहभागिता का दिवस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। विज्ञान और टेक्नालोजी को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के आत्म निर्भर भारत प्रोग्राम के अधीन शिक्षा संस्थाओं, खोज व विकास प्रयोगशालाओं, विभागों व मंत्रालयों, उद्योगों, स्टार्टअप, परोपकारी संस्थाएं और राष्ट्रीय संस्थाओं को जोड़ा जा रहा है। उन्होंने विज्ञान सलाहकार नीति की भी बात की, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जरुरतों के अनुकूल है। उन्होंने मौसमी भविष्यवाणी में भारत की उपलब्धियों को उजागर करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में महिलाओं लड़कियों की भागीदारी बढ़ाने की बहुत जरूरत है और बीते कुछ दशकों दौरान विश्व स्तर पर विज्ञान क्षेत्र की ओर लड़कियों को इस क्षेत्र में लगाने और उत्साहित करने के लिए कई प्रयत्न किए गए है। साइंस सिटी की डायरेक्टर जनरल डॉ नीलिमा जेरथ ने विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों की सहभागिता का दिन मनाने का उद्देश्य न सिर्फ महिलाओं द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में टेक्नालोजिस्टों के लिए विज्ञान की शिक्षा का योग्य एवं आसान माहौल बनाने के लिए पहले किए प्रयत्नों को याद करना है। उन्होंने बताया कि भारत में विज्ञान, टेक्नालोजी, इंजीनियरिंग और गणित में अंडरग्रेजुएट स्तर पर सिर्फ 43 फीसदी लड़कियां ही दाखिला लेती हैं, जिनमें से 14 फीसदी विज्ञान और टेक्नालॉजी की उच्च नौकरियों पर जाती हैं जबकि सिर्फ तीन फीसदी लड़कियां पीएचडी में दाखिला ले रही हैं। उन्होंने विज्ञान एवं टेक्नालोजी को ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि महिलाओं के सशक्तिकरण और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए साइंस सिटी की ओर से एक वूमैन टेक्नालोजी पार्क भी स्थापित किया गया है।...////...
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