15-Jul-2024 06:30 PM
5965
नयी दिल्ली, 15 जुलाई (संवाददाता) कांग्रेस ने कहा है कि देश में बेरोजगारी की समस्या बहुत गंभीर है, लेकिन मोदी सरकार इसे नजरअंदाज करती रही है और बजट में भी वह अर्थव्यवस्था की गुलाबी बजट वाली तस्वीर पेश कर बेरोजगारी की भयावह स्थिति पर पर्दा डालने का ही प्रयास करेगी।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने बयान जारी कर दावा किया है कि मोदी सरकार असलियत पर पर्दा डालेगी और सिर्फ गुलाबी बजट की तस्वीर ही पेश करेगी। उनका कहना था कि मोदी सरकार सिर्फ अच्छी तस्वीर पेश करने का प्रयास कर असलियत से ध्यान भटकाने का काम कर रही है और इस बार के बजट में भी उसकी इसी तरह से वास्तविकता से हटकर गुलाबी बजट पेश करने की कोशिश रहेगी।
प्रवक्ता ने कहा कि आगामी बजट भी निस्संदेह अर्थव्यवस्था की गुलाबी तस्वीर पेश करने के लिए आरबीआई डेटा का उपयोग करेगा, लेकिन, नौकरियों के मोर्चे पर वास्तविक हालात बेहद गंभीर है - बड़े पैमाने पर बेरोज़गारी और कम गुणवत्ता वाले रोज़गार दोनों के कारण। अगले मंगलवार को बजट भाषण में इस दोहरी त्रासदी को निश्चित रूप से नज़रअंदाज़ किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के नए अनुमान के आधार पर सरकार जॉब मार्केट में तेज़ी का दावा कर रही है कि उसने नेतृत्व में आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्था ने आठ करोड़ नौकरियां सृजित की हैं जबकि सच यह है कि रोज़गार के आंकड़ों में यह वृद्धि वास्तविकता के अनुरूप नहीं है। इस समय निजी निवेश कमज़ोर रहा है और उपभोग में वृद्धि बेहद सुस्त है। सरकार ने रोज़गार की गुणवत्ता और परिस्थितियों पर ध्यान दिए बिना, रोज़गार की बहुत विस्तृत परिभाषा अपनाकर, रोज़गार सृजन का दावा करने के लिए कुछ कलात्मक सांख्यिकीय बाज़ीगरी की है।”
प्रवक्ता ने कहा कि रोजगार वृद्धि का जो दावा किया जा रहा है उसमें महिलाओं द्वारा किए जाने वाले अवैतनिक घरेलू काम को भी ‘रोज़गार’ बताया गया है और ख़राब आर्थिक माहौल के बीच, श्रम बाजार में वेतनभोगी, औपचारिक रोज़गार की हिस्सेदारी में कमी आई है। श्रमिक कम उत्पादकता वाली असंगठित और कृषि क्षेत्र की नौकरियों की ओर जा रहे हैं - यह एक आर्थिक त्रासदी है। सरकार कम वेतन वाली नौकरियों के 'सृजन' को उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है। रिजर्व बैंक का डेटा कोरोना काल में रोज़गार में वृद्धि दिखाता है जबकि अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ था।...////...