26-Apr-2025 11:18 PM
6770
नयी दिल्ली/ ब्रासीलिया, 26 अप्रैल (संवाददाता) ब्राजील की अध्यक्षता में ब्रासीलिया में आयोजित, ब्रिक्स श्रम एवं रोजगार मंत्रियों की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक के घोषणा पत्र में ऐसी समावेशी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) प्रौद्योगिकी नीतियों को बढ़ावा देने का संकल्प जताया गया है जो नवाचार को श्रमिकों की सुरक्षा के साथ संतुलन में रखती हैं।
इस सम्मेलन में केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने आज भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। श्रम प्रशासन, डिजिटल समावेशन और हरित रोजगार सृजन पर दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करना। बैठक का मुख्य विषय था- “अधिक समावेशी और स्वस्थ्य शासन व्यवस्था के लिए वैश्विक दक्षिण (विकासशील देशों) के बीच सहयोग को मजबूत करना”। बैठक का समापन दो अहम विषयों - “कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और कार्य का भविष्य” और “कामकाजी दुनिया पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव और उचित बदलाव” के मुद्दों पर एक दूरदर्शी घोषणा अपनाने के साथ हुआ।
घोषणा पत्र में निष्पक्ष जलवायु परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक संवाद को आगे बढ़ाने पर संकल्प व्यक्त किया गया है।
यहां श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सुश्री करंदलाजे ने शुक्रवार को बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘प्रौद्योगिकी सशक्तिकरण के लिए, बहिष्कार के लिए नहीं’ के दृष्टिकोण के मुताबिक, तकनीकी बदलाव के लिए भारत के मानव-केंद्रित दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने एआई के लिए भारत की राष्ट्रीय रणनीति पर खासा ज़ोर दिया, जिसमें नैतिक बदलाव, कार्यबल के कौशल को बढ़ाने और कृषि, स्वास्थ्य सेवा तथा शिक्षा में क्षेत्रीय अनुप्रयोगों को प्राथमिकता दी गई है।
उन्होंने फ्यूचरस्किल्स प्राइम और नमो ड्रोन दीदी कार्यक्रम जैसी पहल, खासकर ग्रामीण महिलाओं और युवाओं के लिए तकनीक-सक्षम आजीविका बनाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का उदाहरण है।
जलवायु कार्रवाई के मसले पर, भारत ने अपने परिवर्तन ढांचे पर ज़ोर दिया, जिसमें यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हरित विकास से समान रोजगार के मौके भी पैदा हों। उन्होंने कौशल और टिकाऊ व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने वाली बदलावकारी पहलों के रूप में सेक्टर स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स (एसएससीजीजे) और मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) का भी उल्लेख किया।
विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में समावेशी सामाजिक कल्याण के साथ अत्याधुनिक तकनीकी प्रगति को जोड़ने के लिए भारत के योगदान की सराहना की गई। बयान में कहा गया है कि इस बैठक ने ब्रिक्स के उस सामूहिक संकल्प की भी पुष्टि की, जो एक ऐसे भविष्य का निर्माण करने की वकालत करता है, जहां एआई-संचालित व्यवधान या जलवायु चुनौतियों के मद्देनज़र कोई भी श्रमिक पीछे न छूटे।...////...