26-Jan-2022 11:01 PM
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पीलीभीत 26 जनवरी (AGENCY) पीलीभीत जिले में बीसलपुर विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) छोड़ कर आयी पूर्व सांसद डॉ. परशुराम गंगवार की बेटी दिव्या गंगवार को समाजवादी पार्टी (सपा) का टिकट मिलने के बाद बसपा के कद्दावर नेता अनीस अहमद खां उर्फ फूल बाबू के सपा में जाने की अटकलों पर विराम लग गया है।
सपा ने सोमवार को जारी पहली सूची में जिले की चार विधानसभा सीटों में से तीन पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था। बीसलपुर की सीट पर घोषणा में देरी होने से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। इस बीच सोशल मीडिया पर बीसलपुर के पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री बसपा नेता अनीस अहमद खां उर्फ फूल बाबू के सपा में जाने की संभावनाये जतायी जाने लगी थी।
हालांकि बसपा नेता फूल बाबू ने मंगलवार को साफ कर दिया था कि वह बसपा के कर्मठ सिपाही है और बसपा से ही चुनाव लड़ेंगे। उनके सपा में जाने की महज अफवाह है। सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ उनका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है, वह सपा-बसपा गठबंधन के दौरान का है।
इस बीच मंगलवार देर शाम प्रत्याशियों की एक और सूची में बीसलपुर सीट से दिव्या गंगवार को मैदान में उतारकर फूल बाबू के सपा में आने की तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया।
सपा प्रत्याशी दिव्या गंगवार का यह दूसरा चुनाव है। वर्ष 2017 में वह बहुजन समाज पार्टी बीसलपुर सीट से चुनाव लड़ी थीं। दिव्या तब 45,338 मत पाकर तीसरे स्थान पर रही थीं।
बीसलपुर विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश की राजनैतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण विधानसभा है, जहां 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। इस बार बीसलपुर विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है। बीसलपुर विधानसभा सीट पर 2017 में कुल 46.43 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से राम सरन वर्मा ने भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के अनीस अहमद खान उर्फ फूलबाबू को 40996 वोटों के अंतर से हराया था। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का चार बार और बहुजन समाज पार्टी का तीन बार कब्जा रहा है।
वर्ष 2012 में जब अखिलेश यादव की पूरे प्रदेश में लहर थी, तब भी पीलीभीत की चार विधानसभा सीटों में से सपा को सिर्फ शहर बरखेड़ा और पूरनपुर में ही कामयाबी मिली थी। उस समय भी पूर्व मंत्री रामसरन वर्मा ने चुनाव जीतकर बीसलपुर सीट भाजपा की झोली में डाल दी थी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी बीसलपुर सीट पर चुनाव नहीं लड़ी थी और गठबंधन के चलते बीसलपुर सीट कांग्रेस को दे दी गई थी, तब कांग्रेस ने इस सीट पर बसपा छोड़कर आए अनीस अहमद खां उर्फ फूल बाबू को प्रत्याशी बनाया था। हालांकि फूल बाबू चुनाव हार गए थे।...////...