23-May-2022 08:05 PM
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पुणे, 23 मई (AGENCY) मंकीपॉक्स नामक बीमारी एक वायरस के कारण होती है जो पॉक्सविरिडे वायरस के परिवार से अब समाप्त हो चुके चेचक वायरस के समूह का है। यह जंगली जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। सिकुड़ते विश्व के वर्तमान युग में यह संक्रामक रोग तेजी से फैल रहा है।
राष्ट्रीय संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के सलाहकार डॉक्टर नरेश पुरोहित ने कहा कि यह बीमारी पहले ही महाद्वीपों को पार कर चुकी है, इसलिए भारत को निश्चित रूप से मंकीपॉक्स से सावधान रहने की जरूरत है।
विश्व प्रसिद्ध महामारी के डॉक्टर पुरोहित ने मंकीपॉक्स के खतरे पर अपनी चिंता साझा करते हुए सोमवार को कहा कि 12 देशों में 10 दिनों की अवधि में 90 मामले सामने आये हैं, डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि बीमारी वाले क्षेत्र का दौरा करने वाले यात्रियों की यात्रा की जानकारी के बगैर उन्हें ढूंढना बहुत मुश्किल है।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि 40 वर्ष से कम आयु के 80 करोड़ से अधिक भारतीयों को चेचक का टीका नहीं लगाया जाता है, इसलिए यदि वे पर्याप्त देखभाल और सावधानी नहीं बरतते हैं तो वे मंकीपॉक्स की चपेट में आ सक्ते है।
श्री पुरोहित ने कहा कि मंकीपॉक्स में बुखार के साथ ठंड लगना, सिरदर्द, शरीर में छोटे-छोटे दाने जैसे दिखाई देते हैं।...////...