13-Feb-2022 07:28 PM
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नयी दिल्ली, 13 फरवरी (AGENCY) केंद्रीय वाणिज्य और उद्योगमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि डिजिटल कारोबार और बाजार उदारीकरण के इस दौर में भारत में खुदरा बिक्रेताओं के संरक्षण और उनकी मदद करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार इसी लिए डिजिटल व्यापार के लिए खुला नेटवर्क (ओएनडीसी) की स्थापना जैसी पहल कर रही है।
श्री गोयल उत्तर प्रदेश में कानपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के द्वारा आयोजित नीति सम्मेलन 2022 विद्यार्थियों को संबोधित करने के बाद छात्रों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा,“खुदरा बाजार में उदाहरण के लिए, हम ओएनडीसी, डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क क्यों बना रहे हैं? विचार यह है कि छोटे खुदरा विक्रेताओं को भी संरक्षित किया जाना चाहिए। हम बड़े ईकामर्स को मौका दे रहे हैं, ठीक है। वे भी देश की अर्थव्यवस्था में योगदान कर रहे हैं। वे अपने तरीके से काम कर रहे हैं। लेकिन क्या हमें अपने यहां छोटे खुदरा विक्रेताओं को पश्चिमी दुनिया की तरह विलुप्त होने दिया जाना चाहिए जहां गली-मुहल्ले की दुकाने लगभग खत्म हो गयी हैं। क्या हमें उनकी आजीविका की रक्षा नहीं करनी चाहिए? ”
गौरतलब है कि सरकार ने हल में ओएनडीसी की शुरूआत की घोषणा की जो दुनिया में इस तरह की पहली पहल है और यह ई-कामर्श को कंपनी विशेष के बंद मंच से उबार कर डिजिटल लेन देन के यूपीआई भुगतान नेटवर्क की तरह सब क्रेताओं-बिक्रेताओं, सेवा प्रदाताओं और प्रौद्योगिकी एजेंटों के लिए खुला बनाएगी।
उन्होंने कहा कि देश के दूर-दराज के कोनों में समृद्धि को ले जाने में प्रौद्योगिकी बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है और प्राद्योगिकी समाधानों को विकसित करने में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के युवा विद्यार्थी बड़ी भूमिका हैं।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी, टेलीमेडिसिन के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल, एडटेक के माध्यम से शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं को लोकतांत्रिक बनाने में वास्तव में हमारी मदद कर सकती है। श्री गोयल के पास उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा विभाग की भी जिम्मेदारी है।
श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 135 करोड़ नागरिकों के कल्याण के बारे में सोचते हुए हमें 2047 के भारत के लिए एक स्वप्न दिखाया है, जिसे अमृत काल कहा जाता है। उन्होंने कहा,“जब तक आपके पास महत्वाकांक्षी लक्ष्य नहीं हैं, जब तक आप बड़े सपने नहीं देखते हैं, जब तक आपके पास काफी बड़ी उम्मीदें, आकांक्षाएं, इच्छाएं नहीं हैं, आप कभी भी महानता हासिल नहीं कर सकते।”
श्री गोयल ने भारत के स्वर्ण युग को उजागर करने के लिए प्राद्योगिक के युवा विद्यार्थियों को पांच सूत्री कार्य योजना दी। उन्होंने उन्हें इसके तहत अपने सभी उपक्रमों में कारोबार को बड़े आकार पर ले जाने, गुणवत्ता और रोजगार सृजन पर ध्यान देने, किसानों, कारीगरों तथा बुनकरों, छोटे खुदरा विक्रेताओं आदि के लिए अभिनव समाधान प्रदान करने एवं मेक इन इंडिया के लक्ष्यों को साकार करने में मदद करने, डिजिटल प्लेटफॉर्म का अध्ययन करने और उन पर सुविधाओं को बढ़ाने के लिए विचार प्रस्तुत करने , दिसंबर 22 में शुरू होने वाले भारत की अध्यक्षता में इस वैश्विक मंच के लिए एजेंडा / थीम तय करने में मदद करने को कहा।
उन्होंने विद्यार्थियों से सेवा और समर्पण को अपना मार्गदर्शक बनाने और राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का ध्यान रखने का आह्वान किया।
श्री गोयल ने इस अवसर पर आईआईटी के पूर्व छात्र नारायण मूर्ति (संस्थापक, इंफोसिस), अरविंद कृष्ण (सीईओ, आईबीएम) और मुकेश बसल (संस्थापक, मिंत्रा) के नाम का उल्लेख किया जिन्होंने देश का नाम ऊंचा किया है।...////...