भारत-यूएई व्यापार समझौता रणनीतिक रिश्तों को और मजबूत करेगा: शक्तिवेल
19-Feb-2022 09:39 PM 7828
नयी दिल्ली, 19 फरवरी (AGENCY) भारत के निर्यातकों के शीर्ष औद्योगिक मंच फियो के अध्यक्ष डॉ. ए शक्तिवेल ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच व्यापक आर्थिक साझीदारी समझौते (सेपा) को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि ऐसा व्यापक समझौता रिकार्ड समय में संपन्न होना दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच भारी विश्वास और भरोसे को दर्शाता है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री की अग्रणी भूमिका की सराहना की है। फियो अध्यक्ष कने कहा कि यह करार भारत और यूएई के बीच निवेश के अतिरिक्त वस्तुओं तथा सेवाओं दोनों में ही व्यापार के नए अवसरों के द्वार खोलेगा। संयुक्त अरब अमीरात वर्तमान में अमेरिका के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार है । फियो के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों के दौरान, यूएई को भारत का निर्यात पहले ही 20 अरब डॉलर से अधिक हो चुका है। फियो अध्यक्ष के अनुसार हालांकि अभी इस समझौते के तहत शुल्कों में वास्तविक छूट का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया गया है पर यूएई के साथ सीईपीए भारतीय निर्यातों, विशेष रूप से कृषि एवं मांस तथा समुद्री उत्पादों सहित प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों, रत्न एवं आभूषण, अपैरल तथा कपड़े, चमड़ा तथा फुटवियर एवं इंजीनियरिंग, जैविक रसायन, प्लास्ट्क्सि, कागज एवं कागज के उत्पाद, लोहा एवं इस्पात, बिजली तथा इलेक्ट्रोनिक वस्तुएं, ऑटोमोबाइल तथा ऑटो कंपोनेंट और फार्मास्यूटिकल्स जैसे अन्य सेक्टरों जैसे श्रम केंद्रित क्षेत्रों के लिए अत्यधिक लाभदायक साबित होगा। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों के रहने के कारण, यूएई में बड़ी मात्रा में भारतीय अनाजों, फलों तथा सब्जियों, चाय, मसालों, चीनी आदि का उपभोग होता है। भारतीय कंपनियां यात्रा एवं पर्यटन, माल ढुलाई, आईटी एवं आईटीईएस जैसी सेवाओं तथा निर्माण सेवाओं में लाभान्वित होंगी। फियो अध्यक्ष ने कहा कि इस समझौते से यूएई में भारतीय निर्यात तेजी से बढ़ेगा तथा इससे खाड़ी सहयोग परिषद ( जीसीसी) के देशों के बाजार का रास्ता भी खुलेगा क्योंकि जीसीसी देश भी वैसे ही तकनीकी मानदंडों का अनुसरण करते हैं जो यूएई पर लागू होते हैं । उन्होंने कहा कि यूएई एक पुनर्वितरण केंद्र तथा एक वित्तीय केंद्र भी है। अफ्रीका को होने वाले निर्यात का रास्ता दुबई होकर ही जाता है। एफटीए होने से अफ्रीका को होने वाले निर्यात के लिए यूएई में वेयरहाउसिंग/वितरण केंद्रों की स्थापना को प्रात्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब दुबई में ‘इंडिया मार्ट’ की स्थापना के प्रस्ताव से इस उद्वेश्य को और सहायता मिलेगी। फियो प्रमुख ने कहा कि यह समझौता अवसंरचना के विभिन्न पहलुओं तथा पीएलआई स्कीम के तहत चिन्हित कुछ सेक्टरों में भी यूएई के सरकारी निवेशकोषों से निवेश को सुगम बनाएगा।...////...
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