27-Nov-2021 09:50 PM
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नयी दिल्ली 27 नवंबर (AGENCY) हिंदी साहित्य भारती के संस्थापक, इसके अंतराराष्ट्रीय अध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री और कृषि मंत्री रहे डॉ रविंद्र शुक्ल ने शनिवार को यहां कहा कि हम हिंदी को उसका खोया गौरव लौटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि भाषा को बचाना भावी पीढ़ी के भविष्य को बचाने के लिए बहुत आवश्यक है।
हिंदी साहित्य भारती केंद्रीय कार्यकारिणी की पहली बैठक दिल्ली के हंस राज कॉलेज में शनिवार से शुरू हुई और जिसका समापन रविवार को होगा। डॉ. शुक्ल ने बताया कि देश-विदेश के हिंदी विद्ववान हिंदी साहित्य भारती से जुड़ हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाषा को बचाना भावी पीढ़ी के भविष्य को बचाने के लिए बहुत आवश्यक है।
वहीं हिंदी साहित्य भारती के महासचिव अनिल शर्मा ने कहा यदि केंद्र सरकार अनुच्छेद 370 और तीन तलाक समाप्त कर सकती है, राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर सकती है तो हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा का दर्जा क्यों नहीं दिला सकती है। इस दौरान राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख स्वात रंजन ने कहा कि जो देश अतीत का गौरव, वर्तमान की पीड़ा और भविष्य की चिंता को साथ लेकर चलते हैं, वो आगे बढ़ते हैं । हिंदी साहित्य भारती का आज के परिपेक्ष्य में बहुत महत्व है।...////...