बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से संसाधनों की उपलब्धता होगी आसान : मंत्री
03-Mar-2022 11:39 PM 6769
पटना 03 मार्च (AGENCY) बिहार सरकार ने आज कहा कि राज्य में किए जा रहे सतत सुधारात्मक कार्य को नीति आयोग पूरी तरह से दरकिनार कर दिया और ऐसी स्थिति में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के दावे को और बल मिलता है और यह दर्जा मिलने से राज्य को विकास कार्यो के लिए संसाधनों की उपलब्धता आसान हो जाएगी। विधान परिषद में ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने गुरुवार को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नीरज कुमार के एक ध्यानाकर्षण सूचना के जवाब में कहा कि नीति आयोग द्वारा बहुआयामी गरीबी सूचकांक में 12 मानक रखे गए हैं। इनमें शिक्षा के दो, स्वास्थ्य के तीन एवं शेष सात सूचकांक जीवन स्तर से जुड़े हुए हैं। इन सूचकांकों का उपयोग विकसित एवं विकासशील राज्यों की गरीबी की माप के लिए एक समान रूप से किया जा रहा है जबकि विकास के विभिन्न स्तरों पर अलग-अलग राज्यों में विकास सूचकांकों की प्राथमिकता बदलती है। मंत्री ने कहा कि वर्ष 2004-05 में बिहार की 54.4 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे थी जो वर्ष 2011 में घटकर 33.7 हो गई। महज सात वर्षों की अवधि में राज्य सरकार के प्रयासों से गरीबी दर में 20.7 प्रतिशत की कमी हुई थी। एमपीआई में शिक्षा के दो ही मानक लिए गए हैं।...////...
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