29-May-2025 10:47 PM
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नयी दिल्ली 29 मई (संवाददाता) भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखेगी और इस दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 6.5 प्रतिशत और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरूवार को जारी 2024-25 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2025-26 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहेगी, जो इसकी मजबूत वृहद आर्थिक बुनियादी बातों, मजबूत वित्तीय क्षेत्र और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता से प्रेरित है। हालांकि, इसने कहा कि संरक्षणवादी उपायों के बाद वैश्विक व्यापार के बारे में अनिश्चितता, लंबे समय तक भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक वित्तीय बाजार में अस्थिरता विकास के दृष्टिकोण के लिए नकारात्मक जोखिम और मुद्रास्फीति के दृष्टिकोण के लिए सकारात्मक जोखिम पैदा करती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी खपत में वृद्धि, बैंकों और कॉरपोरेट की स्वस्थ बैलेंस शीट, वित्तीय स्थितियों में सुधार और सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय पर निरंतर जोर दिए जाने से भारतीय अर्थव्यवस्था 2025-26 के दौरान सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए तैयार है। 2025-26 के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक ने वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 6.5 प्रतिशत और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
आरबीआई की बैलेंस शीट वित्त वर्ष 2025 में उच्च आय, स्वर्ण भंडार और निवेश के बल पर सालाना आधार पर 8.20 प्रतिशत बढ़कर 76.25 लाख करोड़ हो गई जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 70.47 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान केन्द्रीय बैंक के लिए 2.68 लाख करोड़ के रिकॉर्ड अधिशेष के साथ एक मजबूत वित्तीय वर्ष भी रहा है।
यह वृद्धि मौद्रिक संचालन, मुद्रा प्रबंधन और विदेशी मुद्रा भंडार में आरबीआई की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है। मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में आरबीआई की कुल आय में 22.77 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि व्यय में 7.76 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अधिक व्यय के बावजूद केन्द्रीय बैंक ने 2.68 लाख करोड़ रुपये का उल्लेखनीय अधिशेष दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 2024 के 2.10 लाख करोड़ से 27.37 प्रतिशत अधिक है। आवश्यक प्रावधानों के बाद यह अधिशेष केंद्र सरकार को देय है। प्रावधानों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा 44,861.70 करोड़ रुपये आकस्मिकता निधि को आवंटित किया गया था। हालाँकि, इस वर्ष एसेट डेवलपमेंट फंड में कोई योगदान नहीं किया गया।
वित्त वर्ष 2025 में आरबीआई की संपत्ति के मामले में वृद्धि सोने की होल्डिंग, घरेलू निवेश और विदेशी निवेश में मजबूत वृद्धि से प्रेरित थी। सोने की होल्डिंग में 52.09 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि हुई, जबकि घरेलू निवेश में 14.32 प्रतिशत और विदेशी निवेश में 1.70 प्रतिशत की वृद्धि हुई।...////...