17-Nov-2023 10:27 PM
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नयी दिल्ली 17 नवंबर ( वार्ता) वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे को दक्षिण विश्व की आवश्यकता के अनुरूप बनाने पर बल देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि भविष्य की स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए सभी पक्षों को एक साथ जुटना होगा।
श्री मांडविया ने शुक्रवार को द्वितीय दक्षिण विश्व सम्मेलन 2023 के स्वास्थ्य मंत्रियों के सत्र को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने स्वास्थ्य सेवाओं की प्राथमिकताएं तय की हैं। इनमें स्वास्थ्य आपात सेवाएं, बीमारियों से निपटने की तैयारी और आपसी सहयोग का मजबूत ढांचा तैयार करना है। उन्होंने कहा कि बीमारियों महामारियों से निपटने के लिए सभी देशों को फार्मा के क्षेत्र में आपसी सहयोग मजबूत करना चाहिए। सभी देशों को दक्षिण विश्व की आवश्यकता के अनुरूप डिजिटल स्वास्थ्य सेवा ढांचा और समस्याओं का समाधान करने के क्षेत्र में मिलकर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत का जोर वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे में सुधार करने पर है जिससे 21वीं सदी की चुनौतियों का सफलता पूर्वक सामना किया जा सके। इसके लिए आवश्यक है कि शिक्षण प्रणाली में बदलाव किया जाए और पूरे विश्व के लिए ‘एक स्वास्थ्य’ का मंत्र अपनाया जाए। महामारियों से निपटने के लिए संपूर्ण विश्व में एक ही तरीका अपनाना होगा और स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा मजबूत करना पड़ेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का एक स्वास्थ्य कार्यक्रम उभरती संक्रामक बीमारियों की निगरानी करता है और उनकी जांच करता है। इसमें वन्य जीवों से आरंभ होने वाली बीमारियों पर विशेष ध्यान दिया जाता है और जल्दी पहचान तथा बचाव के लिए आपसी सहयोग किया जाता है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य ढांचा मजबूत करने के लिए विभिन्न देशों, संगठनों, समुदायों, चिकित्सा शिक्षण संस्थानों और संबंधित पक्षों को एक साथ जुटना होगा।...////...