14-Apr-2022 07:12 PM
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दरभंगा, 14 अप्रैल (AGENCY) प्रख्यात शिक्षाविद एवं महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के पूर्व कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने देश के पुनर्निर्माण यात्रा में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराम अंबेडकर की भूमिका को महत्वूपर्ण बताते हुए आज कहा कि बाबा साहब अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व के साथ-साथ दर्शन से भी जाने जाते हैं।
श्री शर्मा ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के 131वीं जन्म जयंती के अवसर पर गुरुवार को यहां ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के तत्वावधान में स्थानीय जुबली हॉल में आयोजित "डॉ० भीम राव अंबेडकर के राजनीतिक विचार एवं दर्शन की मौजूदा दौर में प्रासंगिकता" विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा साहब का व्यक्तित्व एक सागर समान है जिसमें जितनी बार गोते लगाये जाए उतनी बार आपको कुछ न कुछ नया जरूर मिलेगा। उन्होंने कहा कि बाबा साहब के व्यक्तित्व को देखा जाय तो वो एक पत्रकार, समाज सुधारक, नेता, प्रशासक, लेखक, चिंतक, वक्ता, विचारक, विधिवेत्ता व दार्शनिक आदि भी थे। सही मायनों में देखा जाय तो तत्कालीन कालखंड के वो सबसे ज्यादा उपाधि प्राप्त राजनेता थे।
पूर्व कुलपति ने कहा कि बाबा साहेब की दृष्टि में भारत का वर्तमान, भविष्य एवं भूत तीनों समाहित है। उनके सोच में भारत को लेकर व्यापक दृष्टि थी। भारत के पुनर्निर्माण की यात्रा में उनकी भूमिका सबसे महत्वपूर्ण थी। उनका देश को सबसे पहला संदेश था शिक्षित बनो। उन्होंने कहा कि राष्ट्रभक्ति उनमें कूट-कूट कर भरी हुई थी। भारतीय सामाजिक व्यवस्था में बाबा साहब परिवर्तन के सूत्रधार के रूप में जाने जाते हैं। बाबा साहब का विचार वर्तमान भारत की आवश्यकता है।...////...