18-May-2022 10:31 PM
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सोनभद्र, 18 मई (AGENCY) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने प्राचीन काल के जीवाश्मों से बने सोनभद्र के सलखन फॉसिल्स पार्क को देश की अमूल्य धरोहर बताते हुए कहा कि इस स्थान के महत्व को शोध के जरिये जानने के लिये जीवाश्म अध्ययन केन्द्र स्थापित करने की जरूरत है।
दो दिन के दौरे पर सोनभद्र पहुंची राज्यपाल पटेल ने देश की अमूल्य धरोहर ‘सलखन फासिल्स पार्क’ पहुंचकर यहां संरक्षित करोड़ों वर्ष पुराने जीवाश्मों को देखा। इस दौरान राज्यपाल ने फासिल्स पार्क के इतिहास के सम्बन्ध में जिला वन अधिकारी से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने राज्यपाल को बताया कि यह फासिल्स ‘प्रिकैम्बियन काल’ का माना गया है। इस पर देश दुनिया में वैज्ञानिकों द्वारा किये गये से पता चला है कि इस पार्क में मौजूद जीवाश्म लगभग 150 करोड़ वर्ष पुराने हैं।
वैज्ञानिक शोध में यह भी पता चला है कि इस पार्क में अमेरिका के ‘यलो स्टोन फासिल्स’ से भी अधिक मात्रा में जीवाश्म मौजूद हैं, जो विश्व का पहले स्थान के फॉसिल्स माने गये हैं। पहले इन फासिल्स को ‘प्राउड ऑफ सलखन’ के नाम से जाना जाता था।
इसके पश्चात राज्यपाल आनंदीबेन ने ‘सोन इंको प्वाइंट’ से यहां की प्राकृतिक सुन्दरता को देखा और इको प्वाइंट परिसर में स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये। उन्होंने इस दौरान पर्यटन की दृष्टि से यहां की प्राकृतिक छटा के आकर्षण के बारे में पर्यटन अधिकारी से जानकारी प्राप्त की।
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ने उन्हें बताया कि जनपद सोनभद्र पौराणिक, अध्यात्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहरों से भरा पड़ा है। इसके लिखित एवं स्पष्ट प्रमाण भी मिलते हैं, जैसे-महाराज दुश्यन्त एवं शकुन्तला की प्रेम कहानी, कण्वऋषि के आश्रम में महाराज भरत का जन्म, दुर्वासा ऋषि द्वारा शकुन्तला को शाप देने, चन्द्रकान्ता की कहानी और बाबा मोछन्दरनाथ एवं बाबा तपोस्थली इसके उदाहरण हैं। उन्होंने राज्यपाल को यहां के भित्त चित्रों की विस्तृत रूप से जानकारी दी। इसके पश्चात राज्यपाल ने कहा कि इस इलाके को पर्यटन के क्षेत्र में बेहतर ढंग से विकसित करने के लिए जिले की सड़कों के किनारे साइन बोर्ड के माध्यम से यहां की जरूरी पर्यटन संबंधी जानकारियां लोगों को दी जायें।
इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन ने सोनभद्र में ‘फाॅसिल्स टूरिज्म एजुकेशन सेन्टर’ की स्थापना भी करने की जरूरत पर बिल दिया, जिससे जनपद को पर्यटन के क्षेत्र में विकसित किया जा सके और अधिक से अधिक पर्यटक जनपद में आयें। इस दौरान उन्होंने जिले के आदिवासी लोक नृत्य ‘कर्मा’ को भी देखा और उसकी सराहना की।...////...