देश को विकसित राष्ट्र बनाने में बैंकिंग क्षेत्र को करनी होगी महत्ती भागीदारी: सीतारमण
16-Sep-2022 09:39 PM 8427
मुंबई 16 सितंबर (संवाददाता) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि आजादी के 100 वर्ष पूरे होने तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में बैंकिंग क्षेत्र की महत्ती भूमिका होगी। श्रीमती सीतारमण ने यहां भारतीय बैंक संघ की 75 वीं वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि बैंकों काे अगले 25 वर्षाे की योजना बनानी चाहिए और डिजिटल, आधुनिक प्रौद्योगिकी और एक दूसरे से वार्ता करने वाली प्रौद्योगिकी को अपनाने पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी को पहचानने और त्वरित चेतावनी संकेतको के लिए वेब3 और कृत्रिम बौद्धिकता जैसी प्रौद्योगिकी का उपयाेग किये जाने की जरूरत है। उन्होंने बैंक संघ को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी बैंक चाहे वह सरकारी हो या निजी ग्राहकों के लिए एक दूसरे से बात करें। ग्राहक की सहमति से यदि बैंक एग्रिगेटर फ्रेमवर्क को अपनाया जाता है तो इससे ग्राहकों को अधिक लाभ होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि यदि आप फोन बैंकिंग और डिजिटल सिस्टम के लिए स्वयं को तैयार रखते हैं तो आप हर किसी के लिए उपलब्घ होंगे। उन्होंने बैंकों से ग्राहक सेवा को सशकत बनाने के साथ ही क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और वित्तीय समावेशन को मजबूत बनाने के लिए भी कहा। वित्त मंत्री ने कहा कि अमृतकाल में बैंकों को अधिक भागीदारी करने की जरूरत है। बढ़ते भारत की आकांक्षाओ को पूरा करने के लिए बैंकों को स्वयं को बेहतर करने के लिए तैयार होना पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने की अपील की है और इसमें बैंकों की महत्ती भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि बैंको का विकास में बहुत बड़ा योगदान होता है। बैंकों को बोर्ड स्तर पर निर्णय लेने के लिए पेशेवर तरीके अपनान चाहिए। बैंक अब अधिक समय तक पुराने तरीके से काम नहीं कर सकते हैं। मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि बैंकों के काम काज में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा और न:न ही कोई निर्देश दिया जायेगा। हमे तेजी से पेशेवर बनने की जरूरत है।...////...
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