05-Aug-2025 10:30 PM
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देहरादून, 05 अगस्त (संवाददाता) उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री यात्रा मार्ग के मुख्य पड़ाव स्थल हर्षिल के पास धरासू गांव के खीर गाढ़ में अपराह्न लगभग एक बजकर 50 मिनट पर अत्यधिक जलस्तर बढ़ने से धराली बाजार क्षेत्र में भारी मलबा आने के कारण कई भवनों, होटल एवं दुकानों के क्षतिग्रस्त होने के साथ ही, सेना के आठ से दस जवानों सहित अनेक लोग लापता है।
प्रशासन ने चार लोगों की मृत्यु होने की पुष्टि की है। खराब मौसम के कारण राहत कार्यों में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) अभी तक 130 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुकी है। वायुसेना के हेलीकॉप्टर, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), एसडीआरएफ, आईआरबी और पीएसी के रेस्क्यू दल घटना स्थल पर पहुंचने की प्रक्रिया में है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आंध्र प्रदेश के दौरे को बीच में छोड़कर देहरादून पहुंच गए हैं। उन्होंने यहां आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) जाकर आपदा की तात्कालिक स्थिति का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं।
अतिवृष्टि के कारण आई इस आपदा के बाद उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने घटना स्थल के सामने स्थित मुखानी गांव के लोगों द्वारा बनाए गए विभिन्न वीडियो के आधार पर 25 से 35 लोगों के मलबे में दबने की आशंका जताई है। साथ ही 25-30 होटल, दुकानें मलबे के वहाब में बहने की आशंका व्यक्त की जा रही हैं। हर्षिल हेलिपैड के आसपास के क्षेत्र में भी भारी तबाही हुई है। इसके अलावा, हर्षिल में शाम करीब चार बजे आर्मी कैम्प में जलस्तर बढ़ने से अचानक मलवा आने के कारण कैम्प के एक हिस्से और हर्षिल हेलीपैड में भारी नुकसान का अनुमान है। कैम्प में रुके आठ से दस जवानों का कोई पता नहीं चल रहा है। जबकि सेना के एक सौ से अधिक जवान धरासू में एसडीआरएफ और ग्रामीणों के साथ रेस्क्यू में जुटे हैं।
आयुक्त, गढ़वाल मंडल, विनय शंकर पांडे ने बताया कि उत्तरकाशी के हर्षिल की घटना के बाद इसी रोड पर स्थित सुखी टॉप में भी बादल फटने की खबर है। हालाँकि, वहाँ से किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। उन्होंने बताया कि बारिश बहुत तेज़ है, जिससे जल स्तर बढ़ रहा है। नतीजतन, स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। प्राथमिकता लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुँचाने की है। उन्होंने बताया कि हमारी सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार वहाँ लगी हुई हैं। स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू किया जा रहा है।
दूसरी ओर, धरासू में राहत कार्यों के लिए भारतीय वायु सेना के चिनूक एमआई-17 वी5, चीता और एएलएच हेलीकॉप्टर चंडीगढ़ एयरबेस पर आवश्यक उपकरणों और सामग्रियों के साथ तैयार हैं और राहत कार्य शुरू होते ही उड़ान भरेंगे। हर्षल के पास स्थित सेना के कैम्प में भी पानी और मलवा भरने के साथ वहां बना हेलीपैड भी नष्ट होने की सूचना है।
राज्य सरकार ने आपदा प्रभावित क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों में जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से उत्तरकाशी जिले में तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ कई पुलिस उपाधीक्षक, निरीक्षक सहित पीएसी और आईआरबी की टीमों को तत्काल पहुंचने के आदेश दिए हैं।
एसडीआरएफ की पोस्ट भटवाड़ी और गंगोत्री से रेस्क्यू टीमें उपकरणों के साथ घटनास्थल पर पहुंच गयी हैं। रेस्क्यू टीम द्वारा सैटेलाइट फोन के माध्यम से अवगत कराया गया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र से अभी तक 130 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। एसडीआरएफ की अन्य टीमें रास्ते में है, जो जल्दी ही प्रभावित क्षेत्र में पहुंच जाएगी।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, धराली खीरगाड घटना स्थल क्षेत्र में रेस्क्यू कार्य के लिए हर्षिल आर्मी के 125, आईटीबीपी कोपांग के 46, पुलिस के 20, राजस्व विभाग के चार, हर्षिल और धराली से दो 108 एम्बुलेंस, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के छह जवानों सहित कुल 201 लोगों की संयुक्त टीम उपकरणों सहित घटना स्थल पर पहुँच कर बचाव कार्य कर रही है। जबकि कुल 211 लोगों की एक अन्य संयुक्त टीम उपकरणों सहित घटना स्थल को रवाना की जा चुकी है।
गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के विभिन्न स्थानों पर बाधित होने के कारण, यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। आज अपराह्न दो बजे तक हिना चैक पोस्ट से 508 यात्री गंगोत्री धाम दर्शन करने को रवाना हुये थे। जबकि भटवाडी में कोई भी यात्री या वाहन रूके नहीं है।
जिला प्रशासन ने सूचना हासिल करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 01374222126, 222722 और 9456556431 जारी किये हैं।...////...