07-Aug-2021 07:00 AM
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नई दिल्ली । पेगासस जासूसी कांड और कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्ष सड़क से संसद तक सरकार से लड़ाई के मूड में है। मोदी सरकार को घेरने के लिए लगातार राहुल गांधी विपक्षी एकता को मजबूत करने की कोशिशों में जुटे हैं और ताबड़तोड़ बैठकें कर रहे हैं। मगर हर बार कोई न कोई विपक्षी दल गायब ही रहता है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ, जब शुक्रवार को जंतर-मंतर पर राहुल गांधी संग विपक्ष के प्रदर्शन से कुछ पार्टियां गायब रहीं। दरअसल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी नेता आज शुक्रवार को दोपहर में जंतर-मंतर पहुंचकर तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता का प्रदर्शन किया। जंतर-मंतर पर अन्य पार्टियों के नेताओं संग पहुंचे राहुल गांधी ने किसान आंदोलन में हिस्सा लिया। इस दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने नारे लगाए और उनके हाथ में 'सेव फार्मर्स, सेव इंडिया' यानी 'किसान बचाओ, देश बचाओ' के पोस्टर दिखे। लेकिन इस दौरान सबसे हैरान करने वाली जो बात थी वह यह कि विपक्षी दलों के इस जुटान में टीएमसी का कोई भी प्रतिनिधि नहीं दिखा। जंतर-मंतर पर विपक्षी दलों के जमावड़े से ममता बनर्जी की टीएमसी, अरविंद केजरीवाल की आप और मायावती की बसपा अलग रही। इससे पहले राहुल गांधी की ब्रेकफास्ट मीटिंग में आम आदमी पार्टी और बसपा शामिल नहीं हुई थी। मगर यहां चौंकाने वाली बात है कि इस बार जंतर-मंतर पर विपक्षी दलों के जुटान से टीएमसी गायब रही। बता दें कि जंतर-मंतर पर प्रदर्शन से पहले कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में यह फैसला किया गया। इस बैठक में राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा एवं जयराम रमेश, द्रमुक के टीआर बालू, शिवसेना के संजय राउत और अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। गौरतलब है कि संसद सत्र के मद्देनजर किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर जंतर-मंतर पर पिछले कुछ दिनों से सांकेतिक 'संसद का आयोजन किए हुए हैं। किसान संगठनों की मांग तीनों कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाने की है। सूत्रों के अनुसार, विपक्षी नेताओं की बैठक में यह भी तय किया गया कि पेगासस जासूसी मामला और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को आगे भी घेरा जाएगा। पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर, संसद के मॉनसून सत्र में शुरू से ही दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। 19 जुलाई से यह सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है। विपक्षी दल इस बात जोर देते आ रहे हैं कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए गत शुक्रवार को लोकसभा में कहा था कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है।
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