09-Jan-2024 11:35 PM
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कोलकाता, 09 जनवरी (संवाददाता) ‘आओगे जब तुम साजना’, ‘अल्लाह ही रहम’ और ‘अलबेला सजन आयो रे’ जैसे मधुर और कर्णप्रिय गीतों से श्रोताओं को मुग्ध कर देने वाले दिग्गज शास्त्रीय गायक एवं पद्मश्री उस्ताद राशिद खान का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को यहां के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।
आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 55 वर्षीय उस्ताद खान का ईएम बाईपास स्थित पीयरलेस हॉस्पिटल में प्रोस्टेट कैंसर का इलाज चल रहा था। वह कृत्रिम वेंटिलेशन सपोर्ट पर थे। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि उनका निधन अपराह्न करीब 03:45 बजे हुआ। उनके परिवार में पत्नी सोमा खान, दो बेटे और एक बेटी हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उस्ताद खान के निधन की जानकारी मिलने पर दक्षिण 24 परगना जिले के आधिकारिक दौरे से लौट आयीं और अस्पताल पहुंचकर महान कलाकार को श्रद्धांजलि दी।
अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि उन्होंने प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुए गायक को पूरी तरह स्वस्थ करने का हरसंभव प्रयास किया। पिछले महीने सेरेब्रल अटैक पड़ने के बाद उस्तान खान की तबीयत बिगड़ गयी थी।
सुश्री बनर्जी ने कहा, “गायक का निधन पूरे देश और संपूर्ण संगीत बिरादरी के लिए बड़ी क्षति है। मैं बहुत दर्द में हूं क्योंकि मुझे अब भी यकीन नहीं हो रहा कि राशिद खान अब नहीं रहे।”
उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के भतीजे राशिद खान का जन्म एक जुलाई, 1968 को उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने अपने नाना उस्ताद निसार हुसैन खान से प्रारंभिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। उस्ताद राशिद खान हिंदुस्तानी संगीत परंपरा के संगीतकार थे।
वह रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखते थे, जिसकी स्थापना उनके परदादा इनायत हुसैन खान ने की थी।
उन्हें पद्मश्री के साथ-साथ वर्ष 2006 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। उन्हें वर्ष 2022 में कला के क्षेत्र में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था।...////...