01-Oct-2023 11:02 PM
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कोलकाता, 01 अक्टूबर (संवाददाता) तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे अपने अत्याचारों के खिलाफ विरोध करने का हमारा अधिकार छीनना चाहते हैं।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे व सांसद बनर्जी ने आरोप लगाया,“दिल्ली जाने वाली हमारी ट्रेन और उड़ान रद्द करने से लेकर केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक की अनुमति देने से इनकार करने तक, उन्होंने हमारे विरोध प्रदर्शन से रोकने की हर संभव कोशिश की। लगभग 15-20 दिन पहले, हमने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से मिलने का समय मांगा, लेकिन उन्होंने हमें बताया कि वह बैठक के लिए उपलब्ध नहीं हैं और तृणमूल नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिल पाएंगे।”
उन्होंने कहा कि हालांकि, भाजपा के चार सांसदों को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बैठक करने के लिए दिल्ली बुलाया और इससे साबित होता है कि वह दिल्ली में हैं और तृणमूल नेताओं या लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधियों से नहीं मिलना चाहते हैं।
श्री बनर्जी ने कहा कि वह टीएमसी के नेताओं से नहीं मिल रहे हैं लेकिन भाजपा नेताओं से मिल रहे हैं, जो बंगाल के प्रति उनका सौतेला व्यवहार एक बार फिर उजागर करता है। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने तृणमूल नेताओं से मिलने से इनकार किया है। अप्रैल में तृणमूल के 25 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल फंड रोकने के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए उनके कार्यालय पहुंचा था, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने अपने कार्यालय में मौजूद होने के बावजूद उनसे मुलाकात नहीं की।
श्री बनर्जी ने कहा कि यह पूरी घटना एक बार फिर इस बात को दर्शाती है कि भाजपा राजनीतिक कारणों से बंगाल के हक को रोक रही है। उन्होंने कहा कि बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने हाल ही में संवाददाताओं से कहा था कि दिल्ली में विरोध प्रदर्शन का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से पुष्टि किया कि उनके एक फोन कॉल से बंगाल के लिए धन जारी हो जाएगा।
श्री बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह कहते हैं कि भाजपा शासित केंद्र सरकार ने कुछ शिकायतों को लेकर कल्याणकारी योजनाओं के लिए धन रोक दिया है, वहीं भाजपा नेता सुकांत मजूमदार कहते हैं कि अगर वह एक भी फोन करते हैं तो ये धनराशि जारी कर दी जाएगी।
श्री बनर्जी ने पूछा कि इससे यह सवाल उठता है कि केंद्रीय मंत्री किससे प्रभावित हो रहे हैं? उनके कार्यों से यह बार-बार स्पष्ट होता है कि उनका एकमात्र उद्देश्य बंगाल के लोगों को भूखा रखना है लेकिन अपने सर्वोत्तम कोशिशों के बावजूद, वे हमारे आंदोलन को रोकने में सक्षम नहीं हैं।
उन्होंनें कहा कि लोगों ने दावा किया है कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के कारण फंड को रोक दिया गया है। अगर कोई भी भ्रष्टाचार में लिप्त है, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि राजनीतिक लड़ाई चुनाव तक ही सीमित रहनी चाहिए। हमने यह सुनिश्चित किया कि बंगाल के प्रत्येक निवासी को हमारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले, भाजपा ने विकास के लिए धन रोक दिया क्योंकि वे बंगाल में हार गए।
उन्होंने कहा, “बंगाल भाजपा के नेताओं ने पत्र लिखकर केंद्र से बंगाल के कोष को रोकने के लिए कहा। आज उनके हाथ खून से सने हैं। इसकी जांच होनी चाहिए और गिरिराज सिंह सहित सभी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। हमें रोकने के भाजपा की हताश कोशिश दर्शाती है कि वे हमसे डरते हैं। जो लोग दावा करते हैं कि बंगाल में लोकतंत्र नहीं है, उन्होंने नयी दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी है जिससे एआईटीसी अपने आंदोलन का संचालन नहीं कर सके। लेकिन यह लोगों का आंदोलन है।”
उन्होंने कहा कि अगर 1,000 नरेन्द्र मोदी या 10,000 भाजपा नेता भी हमें रोकने के लिए आते हैं, तो वे असफल रहेंगे। यह लड़ाई दो और तीन अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन तक सीमित नहीं है, बल्कि धन जारी होने तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सोच रही है कि वह हमेशा के लिए सत्ता में बनी रहेगी। अगर वे सोचते हैं कि वे लोगों को प्रताड़ित करेंगे और उनके अधिकारों से वंचित करेंगे, तो जनता उनको लोकतांत्रिक तरीके से मुंहतोड़ जवाब देगी।
उन्होंने कहा,“मुझे 100 पत्र मिले हैं जिनमें असम में मनरेगा से जुड़े भ्रष्टाचार की सूचना दी गई है लेकिन क्या उन्होंने असम के लिए धन रोक दिया? नहीं। बंगाल के लिए ही क्यों? वे करों के माध्यम से बंगाल से एक लाख करोड़ रुपये एकत्रित करते हैं लेकिन राज्य को 1.15 लाख करोड़ रुपये के उचित बकाये से वंचित रखते है।”
उन्होंने कहा कि अगर उन्हें लगता है कि वे तृणमूल को दबा सकते हैं तो वे गलत हैं। हम और ज्यादा ताकतवर बनकर उभरेंगे। दिल्ली पुलिस का उपयोग करना, ट्रेनों और उड़ानों को रद्द करना ये सभी हमारे आंदोलन को नहीं रोक सकते हैं। उन्होंने आंदोलन में शामिल होने के लिए सभी लोगों स्वागत किया, चाहे वे किसी भी राजनीतिक से संबद्ध हों।
श्री बनर्जी ने कहा, “यह वंचितों के अधिकारों की लड़ाई है। उन्हें एआईटीसी का समर्थन नहीं करना है बल्कि उन्हें लोगों का समर्थन करना चाहिए। हम सभी को लोगों के लिए आवाज उठाते हुए एक साथ लड़ना चाहिए।...////...