दिल्ली में 12वें पूर्वोत्तर महोत्सव का आयोजन 15 नवंबर से
06-Nov-2024 10:26 PM 3392
नयी दिल्ली 06 नवंबर (संवाददाता) भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की अनूठी कला एवं संस्कृति से रूबरू कराने वाला 12वां पूर्वोत्तर महोत्सव 15 नवंबर से यहां स्थित मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियन शुरू होगा। पूर्वोत्तर राज्यों की जीवंत संस्कृति को विश्व पटल पर दर्शाने वाला यह महोत्सव तीन दिनों 15, 16 और 17 नवंबर तक चलेगा। यह महोत्सव दिल्ली के दिन इंडिया गेट के पास स्थित एमडीसी नेशनल स्टेडियम में आठ राज्यों और 200 से अधिक समुदायों को एक मंच पर लाएगा। महोत्सव के आयोजन प्रमुख श्यामकानु महंत ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि एक सांस्कृतिक प्रदर्शन के रूप में शुरू हुआ यह महोत्सव एकता, आपसी प्रशंसा और साझा अनुभवों तथा एक पर्यटन उत्सव के मंच के रूप में विकसित हो चुका है। यह दिल्ली का प्रमुख पर्यटन उत्सव बन गया है। यह त्योहार एक दृश्य तमाशा से कहीं अधिक है। यह विरासत, प्रतिभा और नवीन भावना का उत्सव है, जो पूर्वोत्तर की कला और संस्कृति को परिभाषित करता है।" उन्होंने बताया कि इस वर्ष महोत्सव में सांस्कृतिक, कलात्मक और उद्यमशीलता ऊर्जा पर आधारित घटनाओं और अनुभवों का एक विविध मिश्रण प्रस्तुत किया जाएगा। इस बार आगंतुक एक विशाल प्रदर्शनी का आनंद ले सकते हैं, जिसमें बड़ी संख्या में सुक्ष्म, लघु एवं मध्य उद्यम (एमएसएमई) के स्टॉल शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक पूर्वोत्तर समुदायों के अनूठे उत्पादों पर प्रकाश डालेंगे। कृषि उपज से लेकर पारंपरिक हथकरघा और शिल्प तक हर कला को दर्शाती यह प्रदर्शनी क्षेत्र की संसाधनशीलता पर प्रकाश डालेगी, जिससे उपस्थित लोगों को स्थानीय कारीगरों के साथ सीधे जुड़ने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा, "यह महोत्सव व्यापार और पर्यटन जुड़ाव के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है। टूरिज्म बिजनेस मीट दिल्ली और पूर्वोत्तर हितधारकों के प्रमुख टूर ऑपरेटरों को कनेक्शन बनाने और दीर्घकालिक पर्यटन अवसर स्थापित करने के लिए इकट्ठा करेगी। प्रमुख पर्यटन निकायों के प्रतिनिधियों के साथ, यह बैठक पूर्वोत्तर के लिए सतत पर्यटन विकास को बढ़ावा देने, सहयोग बढ़ाने के लिए निर्धारित है।" इस दौरान उन्होंने यूनीवार्ता के सवाल का जवाब देते हुए बताया कि टूरिज्म बिजनेस मीट में किसी तरह के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मीट का मकसद देश और दुनिया के लोगों को पूर्वोत्तर राज्यों के पर्यटन उद्योग के बारे में जानकारी देना है। उन्होंने कहा कि इस मीट के दौरान लोगों पूर्वोत्तर राज्यों में स्थित होटलों के अधिकारियों और पर्यटन से जुड़े अन्य कारोबार को करने वाले लोगों से जुड़ने का मौका मिलेगा और उद्यमियों को लोगों की रूचि के बारे में जानकारी हासिल होगी। गौरतलब है कि पूर्वोत्तर के विविध और आकर्षक स्थलों को प्रदर्शित करने वाला पर्यटन एक केंद्र बिंदु है।पर्यटक ज़ुकोउ वेली, चेरापूंजी के आकर्षण और नीर महल और चराईदेओ मैदाम जैसी जगहों के ऐतिहासिक महत्व का पता लगा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, हवाई कनेक्टिविटी सुधार पर एक अभियान, नागालैंड में मनाए जाने वाले हॉर्नबिल फेस्टिवल जैसे आगामी त्योहारों की झलक के साथ-साथ हाल के दिनों में हुई प्रगति के बारे में भी इस महोत्सव में जानकारी मिलेगी। महोत्सव में आने वाले लोगों को पूर्वोत्तर राज्यों के लजीज व्यंजनों का स्वाद चखने को मिलेगा। लगभग 60 खाद्य स्टालों पर आगंतुक क्षेत्रीय व्यंजनों के साथ-साथ असम की चाय और नागालैंड की कॉफी का आनंद ले सकते हैं। यह खाद्य खंड त्योहार का मुख्य हिस्सा बन गया है, जो एक अनूठी पाक यात्रा की पेशकश करता है और अंतर-सांस्कृतिक संबंधों का पोषण करता है। पिछले कुछ वर्षों में, नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल के फूड शो ने दिल्ली में कई नए रेस्तरां को प्रेरित किया है और साझा स्वादों और लजीज परंपराओं के माध्यम से एक पुल बनाया है। इसमें पूर्वोत्तर के कलाकारों द्वारा पारंपरिक और समकालीन टुकड़े प्रस्तुत किए जाएंगे।क्षेत्र की रचनात्मकता का एक रंगीन और विचारोत्तेजक प्रदर्शन पेश करेगी। फोटोग्राफी ज़ोन अनुभव को और समृद्ध करेगा। संगीत पूर्वोत्तर महोत्सव के केंद्र में है और इस वर्ष के एनईएफ संगीत मंच में पूर्वोत्तर और दिल्ली के शीर्ष बैंड तथा कलाकार शामिल होंगे। यह संगीत श्रृंखला दर्शकों को आधुनिक ध्वनियों से लेकर पारंपरिक लय तक विभिन्न शैलियों की यात्रा पर ले जाएगी। पूर्वोत्तर के लोक कलाकार भी पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत करेंगे। महोत्सव के दौरान उन लोगों को सम्मानित भी किया जाएगा, जिन्होंने खेल, उद्यमिता और कला जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस वर्ष का पुरस्कार समारोह पूर्वोत्तर उपलब्धि हासिल करने वालों की प्रतिभा और समर्पण को श्रद्धांजलि देगा, क्षेत्र के गौरव और लचीलेपन को प्रदर्शित करेगा और भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। उल्लेखनीय है कि पिछले एक दशक में पूर्वोत्तर महोत्सव देश की राजधानी में पूर्वोत्तर संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, दिल्ली पुलिस, केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों के सहयोग से सामाजिक-सांस्कृतिक ट्रस्ट ट्रेंड एमएमएस द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम ने पूर्वोत्तर की बेहतर समझ को बढ़ावा दिया है। इसने लगातार पर्यटन, उद्यमिता और सांस्कृतिक जागरूकता का समर्थन किया है। समुदायों के बीच घनिष्ठ संबंधों को प्रोत्साहित किया है। नयी प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया है और रचनात्मकता और उत्सव के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया है।...////...
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