22-May-2024 11:47 PM
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नयी दिल्ली, 22 मई (संवाददाता) राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को पुस्तक ‘इंडियन क्लासिकल डांसेजः द हीलिंग पावर’ का लोकार्पण किया गया।
इस मौके पर इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) में पुस्तक की लेखिका प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना, गुरु एवम कोरियोग्राफर कनक सुधाकर, लोकार्पण प्रसिद्ध नाट्य समीक्षक लीला वेंकटरमण, कलावती बाल अस्पताल की सेवानिवृत्त अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वसंती रामचंद्रन, प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना मौमला नायक और आईजीएनसीए के डीन (प्रशासन) व कला निधि प्रभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. रमेश चंद्र गौड़ मौजूद थे।
लेखिका कनक सुधाकर ने कहा,“नृत्य में श्वसन की ऐसी तकनीकें होती हैं, जो फेफड़े और हृदय की क्षमता को बढ़ाती हैं। साथ ही, नृत्य की विभिन्न भंगिमाएं मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र की क्षमताओं में वृद्धि करती हैं। नृत्य के स्टेप्स एक्यूप्रेशर का काम भी करते हैं।”
नृत्यांगना मौमला नायक ने कहा,“नृत्य एक जीवनदायी कला है।”
डॉ. वसंती रामचंद्रन ने कहा,“यह पुस्तक कुछ अलग और विशिष्ट है। नृत्य करना बहुत ज़रूरी है। बच्चों के नृत्य सीखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और इसे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। नृत्य मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करता है, दबाव का सामना करना सिखाता है और तनाव को दूर करता है। किसी भी उम्र में नृत्य कर सकें, तो बहुत अच्छा है।”
प्रसिद्ध नृत्य समीक्षक लीला वेंकटरमण ने कुछ उदाहरणों के जरिये बताया कि नृत्य मस्तिष्क को आघातों को सहने और चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाता है।...////...