दूर-दराज के क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक प्रगति सुनिश्चित की बीआरओ ने: अरमाने
07-May-2024 05:49 PM 2411
नयी दिल्ली, 07 मई (संवाददाता) रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने मंगलवार को कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के माध्यम से, दूर-दराज के क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने के साथ साथ देश की सुरक्षा में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। श्री अरमाने ने आज यहां बीआरओ के 65 वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दुर्गम इलाके और कठिन मौसम में अपनी जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए बीआरओ की सराहना की। उन्होंने बीआरओ को अत्यंत महत्वपूर्ण संगठन बताया और कहा कि यह सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के माध्यम से, दूर-दराज के क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने के अलावा, देश की सुरक्षा में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। रक्षा सचिव ने परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए बीआरओ की सराहना की, और विश्वास जताया कि कर्मयोगी रिकॉर्ड समय में सीमा बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करना जारी रखेंगे। उन्होंने बीआरओ से परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए नवीनतम तकनीकों को शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भविष्य में बीआरओ के लिए स्वचालन और मशीनीकरण महत्वपूर्ण होगा। श्री अरमाने ने सिल्कयारा सुरंग ढहने और सिक्किम बाढ़ के दौरान राहत और बचाव प्रयासों में बीआरओ कर्मियों के बहुमूल्य योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि संगठन वाइब्रेंट विलेजेज कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिसमें चुनिंदा सीमावर्ती गांवों के व्यापक विकास की परिकल्पना की गई है। इस अवसर पर सीमा सड़क महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने सभी को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि बीआरओ की अखिल भारतीय उपस्थिति राष्ट्रीय सुरक्षा, कनेक्टिविटी और विकास के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि टैगलाइन ‘इन द साइलेंस ऑफ आवर ग्रेट माउंटेन्स - वर्क स्पीक्स’ संगठन के समर्पण, दृढ़ता और देश के सुदूर कोनों में रहने वाले लोगों के जीवन पर प्रभाव को बयां करती है। उन्होंने सभी से प्रगति, समृद्धि और एकता की स्थायी विरासत की छाप छोड़ने की प्रतिज्ञा लेने का आह्वान किया। इस कार्यक्रम में रक्षा सचिव ने सेला सुरंग पर एक सार-संग्रह के साथ-साथ ‘ऊंचिन सदाकेन’, ‘पथ प्रदर्शक’ और ‘पथ विकास’ सहित कुछ पुस्तकों का अनावरण भी किया गया। उन्होंने वर्ष 2023-24 के लिए बीआरओ कर्मियों को उत्कृष्टता पुरस्कार दिए और उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया। सेला टनल जैसी विभिन्न परियोजनाओं के साथ-साथ सिक्किम बाढ़ के दौरान काम करने वाले आकस्मिक भुगतान वाले मजदूरों को भी सम्मानित किया गया। वर्ष 1960 में केवल दो परियोजनाओं - पूर्व में प्रोजेक्ट टस्कर (अब वर्तक) और उत्तर में प्रोजेक्ट बीकन के साथ स्थापित बीआरओ आज 11 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में संचालित 18 परियोजनाओं के साथ एक जीवंत संगठन बन गया है। इसने अब ऊंचाई वाले और कठिन बर्फीले क्षेत्रों में अग्रणी बुनियादी ढांचा निर्माण एजेंसी के रूप में अपनी साख स्थापित कर ली है।...////...
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