15-May-2024 10:22 PM
5775
नयी दिल्ली 15 मई (संवाददाता) केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री और हिमाचल के हमीरपुर से भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी अनुराग सिंह ठाकुर ने बेरोज़गारी और रोज़गार के मुद्दे पर इंडिया समूह के दावों को भ्रामक व खोखला बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सरकार में रोज़गार सृजन की दिशा ऐतिहासिक कीर्तिमान बनने व रिकॉर्ड रोज़गार मिलने का दावा किया है।
श्री ठाकुर ने कहा,“प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की नीतियों से भारत में पिछले एक दशक में रोज़गार सृजन की दिशा में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। रोज़गार के मुद्दे पर इंडी अलायंस लगातार झूठ बोल कर देश को गुमराह कर रहा है। स्कोच समूह द्वारा पिछले 10 वर्षों में भारतीय रोजगार सृजन पर जारी रिपोर्ट ने विपक्ष के झूठे दावों की पोल खोल दी है। मोदीनॉमिक्स के इस शानदार उदाहरण ने रोज़गार पर विपक्षी भ्रामक दुष्प्रचार की जड़ों को हिला दिया है। स्कोच की रिपोर्ट में सामने आया है की मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों में 51.40 करोड़ रोजगार सृजित हुए हैं जो कि दिखाता है की मोदी सरकार की नीतियों से एक दशक में रोज़गार के कितने अवसर मिले”
श्री ठाकुर ने कहा,“लोकसभा चुनावों के पहले चार चरणों में जनता ने पहले ही मोदी सरकार के विकास के ट्रैक रिकॉर्ड पर अपनी मुहर लगा दी है और अब इस रिपोर्ट ने विपक्ष के दुष्प्रचार की कलई खोल कर दी है। ये हमारे माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी और समावेशी नेतृत्व की ही देन है की हमने विभिन्न क्षेत्रों में पर्याप्त रोजगार सृजन होता देखा है। इससे पहले तो भारत में भ्रष्टाचार के ऊपर रिपोर्टें आया करती थी लेकिन आज विकास आधारित रिपोर्टें आ रहीं है। यह बदलाव देश को अच्छा लग रहा है और जनता को विश्वास है कि आज देश सुरक्षित हाथों में हैं।”
श्री ठाकुर ने कहा कि जैसे जैसे मोदी सरकार के अभूतपूर्व विकास के दशक की उपलब्धियां सामने आ रही है वैसे-वैसे विपक्ष का भ्रामक दुष्प्रचार रेत के किले की तरह बिखर रहा है। पहले भी इन्होंने देश को गरीबों के नाम पर भ्रमित करने की कोशिश की थी तब एक रिपोर्ट सामने आई थी कि मोदी सरकार ने मात्र 10 वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। अभी प्रकाशित हुई स्कोच की रिपोर्ट बताती है की 51.40 करोड़ सृजित रोजगार में 19.79 करोड़ मोदी सरकार की विभिन्न स्कीमों व नीतियों की वजह से हुए हैं। इसके साथ ही 31.61 करोड़ रोजगार बैंकों की तरफ से दिए गए लोन की वजह से संभव हुए हैं। इसमें मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने बेहतरीन भूमिका निभाई है और हर साल औसतन 3.6 करोड़ लोगों को रोजगार दिया है। इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, ग्राम सड़क योजना, कौशल विकास योजना, पीएम स्वनीधि और पीएलआई जैसी स्कीमों ने भी लोगों को रोजगार देने में प्रत्यक्ष तौर पर मदद की है।
श्री ठाकुर ने आगे कहा,“मुझे आज विपक्षी खेमे पर तरस आ रहा है क्योंकि पहले ही उनका एसटी, एससी, ओबीसी आरक्षण और संविधान वाला नैरेटिव बुरी तरह पिट चुका है। पाकिस्तान के गोद में जाकर बैठने से भी उनका काम बनता नहीं दिख रहा। वोट बैंक और अपिजमेंट पॉलिटिक्स भी अब काम नहीं आ रही। गाहे बगाहे यह लोग बिना सर पैर के बेरोजगारी पर बात कर लेते थे तो अब वह भी नहीं कर सकते। अब आखिर इनका अगले 15 दिनों का चुनाव प्रचार कैसे बीतेगा? यह लोग कौन सा नया प्रोपेगेंडा लेकर आएंगे? हिंदुओं की संपत्ति छीन कर अपने वोट बैंक को देने वाली बात पहले चार चरणों में इन पर भारी पड़ चुकी है।”
श्री ठाकुर ने कहा,“पिछला दशक भारत की प्रगति का सच्चा दशक बनकर सामने आया है और आने वाला युग भी भारत का है। जैसे-जैसे समय बीतेगा और लोग मोदी जी के 10 वर्षों पर और रिसर्च करेंगे वैसे-वैसे मोदी सरकार के युग परिवर्तनकारी बदलाव से देश और दुनिया परिचित होगी। मोदी 3.0 और बड़े बदलावों और परिवर्तन वाला होगा। हम जल्द विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे।”
श्री ठाकुर ने अंत में रोजगार सृजन से जुड़े कुछ और आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया,“2018 से लेकर 2024 तक ईपीएफओ में 7 करोड़ 60 लाख लोग इनरोल हुए हैं। यानी इतने लोगों को फॉर्मल सेक्टर में रोजगार मिला है और ऐसा तब हुआ है जब इसमें लगभग दो वर्ष कोविड के कारण अस्त व्यस्त रहे। इसके अलावा लगभग 30 करोड़ ई-श्रम कार्ड बनाए गए हैं। मुद्रा योजना के अंतर्गत 41 लाख ऋण दिए गए जिससे लोगों को अपने पैरों पर खड़ा होने का मौका मिला। इसके अलावा मात्र इसी साल एक करोड़ 44 लाख लोगों को रोजगार मिला है। 10 लाख लोगों को मोदी सरकार ने पिछले वर्ष हीं सरकारी नौकरी दी है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि बेरोजगारी दर लगातार गिर रही है और हम अभी भी इसे और काम करने के लिए प्रयासरत हैं। आज से दो वर्ष पहले जीएसटी कलेक्शन 90 हजार करोड़ की थी, आज 2 लाख 14 हजार करोड़ है। इससे पता चलता है कि हमारा व्यापार बढ़ा है और अगर व्यापार बढ़ा है तो क्या रोजगार नहीं बढ़ा होगा? इसी प्रकार विदेशी पूंजी निवेश 31 अरब डॉलर से बढ़कर 7.1 करोड़ डॉलर हो चुका है। इससे भी रोजगार बढ़े हैं।...////...