एक देश एक चुनाव हुआ तो एक पोस्टर, एक मंच, एक सभा और एक प्रचार से होगी बचत : शिवराज
14-Jan-2025 11:44 PM 8239
नयी दिल्ली, 14 जनवरी (संवाददाता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक देश एक चुनाव को देश की आर्थिक प्रगति और राजनीतिक स्थायित्व के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि ऐसा होने पर हर वर्ग का लाभ होगा तथा जन कल्याण एवं विकास के काम कई गुना अधिक हो सकेंगे। श्री चौहान ने आज यहां पांचजन्य के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम अष्टायाम में एक देश एक चुनाव विषय पर एक परिचर्चा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि एक देश एक चुनाव को लेकर विधेयक को लेकर मसौदा तैयार है और संयुक्त संसदीय समिति उस पर विचार कर रही है। देश की जनता भी चाहती है कि चुनाव 5 साल के लिए हों। उन्होंने इस विचार को लेकर विवाद के सवाल पर कहा कि एक समय पर देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव कराने का यह अर्थ नहीं है कि एक ही तारीख पर चुनाव कराए जाएंगे। यह विभिन्न चरणों में कराया जा सकता है। जैसे अभी चरणबद्ध ढंग से लोकसभा चुनाव में मतदान कराया जाता है, वैसे ही देश के हर स्थान पर उसी तरह से चरणों में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव के लिए एक साथ मतदान कराया जा सकता है। श्री चौहान ने कहा कि विधेयक में तो लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की बात है लेकिन शहरी एवं ग्रामीण स्थानीय निकायों के चुनाव, सहकारी समितियों के चुनाव भी एक साथ कराए जाने चाहिए। यह काम तीन चार महीनों में संपन्न हो सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा करके देश के खजाने पर चुनाव का बोझ कम होगा। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों का खर्च भी घटेगा। उन्होंने कहा, “एक देश एक चुनाव संभव हो पाया तो एक मंच, एक पोस्टर, एक सभा और एक प्रचार में ही काम हो जाएगा।” उन्होंने कहा कि आज कल देश में हर समय चुनाव का माहौल बना रहता है। उन्होंने उदाहरण दिया कि नवंबर 2023 में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में चुनाव हुए। फिर चार महीने बाद लोकसभा चुनाव आ गया। इसके चार महीने बाद जम्मू-कश्मीर एवं हरियाणा के चुनाव और फिर झारखंड एवं महाराष्ट्र के चुनाव और अब दिल्ली का चुनाव आ गया है। श्री चौहान ने कहा कि इस तरह से सरकारें आचार संहिता के कारण तमाम जनकल्याणकारी और विकास के कामों पर त्वरित फैसले नहीं कर पातीं हैं और प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस बल, शिक्षक आदि भी चुनाव के संचालन में फंसे रहने के कारण उनके मूल दायित्व पूरे नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि देश में हर समय चुनावों का होते रहना देश की प्रगति और जनकल्याण में सबसे बड़ी बाधा है। एक देश एक चुनाव होने से सरकारें दत्तचित्त हो कर विकास एवं जनकल्याण के काम त्वरित गति से कर पाएंगी। एक प्रश्न के उत्तर में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की जनता की समझदारी और विवेक को कम नहीं समझना चाहिए। तमाम उदाहरण हैं कि जनता ने लोकसभा में किसी एक दल को और विधानसभाओं में अन्य दलों को जिताया है।...////...
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