एकात्म मानव दर्शन भारतीय चिंतन का निचोड़: शिवराज
01-Jun-2025 09:45 PM 6865
नयी दिल्ली 01 जून (संवाददाता) केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आज दुनिया के सामने जितनी समस्याएं हैं, उनका समाधान अगर कहीं है तो एकात्म मानव दर्शन में है। एकात्म मानव दर्शन बहुत क्लिष्ट दर्शन नहीं है, भारतीय चिंतन का निचोड़ है। श्री चौहान ने रविवार को यहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय के ‘एकात्म मानववाद’ दर्शन की 60वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रीय स्मारक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में पहले राजतंत्र था, फिर लोगों ने कहा कि एक राजा ही क्यों रहे और स्वतंत्रता, समानता व विश्वबंधुत्व के मंत्र पर राजतंत्र या तो समाप्त कर दिए गए या उनके अधिकार बहुत सीमित कर दिए गए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कहा कि पश्चिम की नकल नहीं करनी चाहिए।‌इसकी लिए पंडित दीनदयाल ने एकात्म मानव दर्शन दिया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने विस्तारपूर्वक ‘एकात्म मानववाद’ पर चर्चा की और वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इसकी प्रासंगिकता पर जोर दिया। श्री चौहान ने कहा,“आज दुनिया के सामने जितनी समस्याएं हैं, उसका समाधान अगर कहीं है तो एकात्म मानव दर्शन में है। एकात्म मानव दर्शन बहुत क्लिष्ट दर्शन नहीं है, भारतीय चिंतन का निचोड़ है।” उन्होंने कृषि के संदर्भ में भी एकात्म माननवाद के दर्शन पर भी बात की और उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की कोई सबसे बड़ी ताकत है तो वह खेती ही है। मानववाद के विभिन्न स्वरूपों की विवेचना करते हुए श्री चौहान ने कहा कि जीवन जीने के लिए और बुनियादी सुविधाओं की पूर्ति के लिए अर्थ का भी महत्व है। रोटी, कपड़ा और मकान जैसी जरूरतों की पूर्ति के लिए भी धन की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन अर्थ एक ऐसी जरूरत है, जिसका न तो ज्यादा अभाव ही सही है और न ही इसका ज्यादा प्रभाव उचित है। उन्होंने कहा कि एकात्म मानववाद का एक ही चेतना है। प्रकृति में भी यही चेतना विराजमान है। इसी के अंतर्गत वृक्षारोपण के महाभियान से सभी को जुड़ते हुए ‘एक पेड़ मां के नाम’ जरूर लगाना चाहिए। प्रकृति का शोषण नहीं, दोहन करें। पेड़ पूजनीय है। उन्होंने कहा कि धरती केवल मनुष्य मात्र के लिए नहीं हैं। धरती पर सभी प्राणियों का बराबर हक है जिसकी हमें चिंता करनी है। श्री चौहान ने बताया कि ग्रामीण गरीबी कम हो रही है। जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव हो रहा है।लखपति दीदी योजना, महिला सशक्तिकरण का महाभियान है। श्री चौहान ने कहा कि सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता के सामंजस्य के साथ हम आगे बढ़ेंगे तथा पुरानी नींव को ही आधार बनाते हुए नए भारत का निर्माण करेंगे और विश्व का मार्गदर्शन करेंगे।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - mpenews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^