25-Sep-2022 11:48 PM
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शिलाँग 25 सितम्बर (संवाददाता) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को जोर देकर कहा कि "एकता" भारत की ताकत है, जिसकी विविधता पर गर्व होना चाहिए।
श्री भागवत यहां यू सोसो थाम ऑडिटोरियम में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि "भारत की एकता ही उसकी ताकत है। भारत जिस विविधता का दावा करता है वह गर्व की बात है। दुनिया सोचती है कि हम अलग हैं
जबकि भारत कहता है 'अनेकता में एकता'। यह भारत की विशेषता है जो सदियों से है।
उन्होंने कहा कि हम हमेशा एक रहे है लेकिन जब हम यह भूल गए तो हम अपनी आजादी खो देते है। इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम एक बने और हमारे देश को मजबूत और अधिक आत्मनिर्भर बनाएं। हम सबको इस एकता
के लिए काम करना होगा।
जनसभा में श्रम मंत्री संबोर शुल्लाई , भाजपा के वरिष्ठ विधायक , एलेक्जेंडर लालू हेक , तृणमूल कांग्रेस विधायक हिमालय मुक्तन शांगप्लियांग , नेशनल पीपुल्स पार्टी विधायक वैलादमिकी शैला , राज्य के पुलिस महानिदेशक
एल आर विश्नोई उपस्थित थे।
श्री भागवत ने "वसुधैव कुटुम्बकम" के प्राचीन भारतीय दर्शन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि जिसका अर्थ है "दुनिया एक परिवार है", "हम पुरातन समय से एक प्राचीन राष्ट्र हैं। लेकिन हमारे सभ्यता के आदर्श वाक्य और मूल्यों को भूलने के कारण हमने अपनी स्वतंत्रता खो दी।
उन्होंने कहा कि हम हिंदू हैं, लेकिन हिंदू की कोई विशेष परिभाषा नहीं है, हालांकि यह हमारी पहचान है। भारतीय और हिंदू दोनों शब्द पर्यायवाची हैं।
इस डर को दूर करते हुए कि आरएसएस लोगों को धर्मांतरित करने की कोशिश करेगा, श्री भागवत ने कहा कि लोगों को आरएसएस के बारे में प्रचार में विश्वास नहीं करना चाहिए और इसके कुछ शिविरों में जाकर देखना चाहिए कि संगठन किस के लिए प्रयास कर रहा है।...////...