23-Apr-2025 02:38 PM
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श्रीनगर, 23 अप्रैल (संवाददाता) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद घाटी से पर्यटकों का पलायन करते देखना दिल दहला देने वाला है।
गौरतलब है कि पहलगाम के पास सुंदर बैसरन घाटी में मंगलवार को हुए इस हमले में 27 लोग मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं। इस घटना से पर्यटकों में व्यापक दहशत फैल गई है, जिनमें से कई अब जल्द से जल्द घर लौटना चाहते हैं। निकासी प्रयासों में सहायता के लिए एयर इंडिया और इंडिगो ने बाहर जाने वाली यात्राओं में वृद्धि को समायोजित करने के लिए चार अतिरिक्त उड़ानों के संचालन की घोषणा की है।
श्री उमर ने कहा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय अतिरिक्त उड़ानों का आयोजन करने के लिए काम कर रहे हैं, जबकि श्रीनगर और जम्मू के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को एक ही दिशा में यातायात के लिए फिर से शुरू कर दिया गया है।
श्री उमर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “कल पहलगाम में हुए दुखद आतंकवादी हमले के बाद हमारे मेहमानों का घाटी से पलायन देखना दुखद है। हम पूरी तरह से समझते हैं कि लोग क्यों जाना चाहते हैं।” उन्होंने कहा, “ डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय अतिरिक्त उड़ानों को व्यवस्थित करने के लिए काम कर रहे हैं। श्रीनगर और जम्मू के बीच एनएच-44 को एक ही दिशा में यातायात के लिए फिर से शुरू कर दिया गया है। मैंने प्रशासन को श्रीनगर और जम्मू के बीच यातायात को सुगम बनाने का निर्देश दिया है, ताकि पर्यटक वाहन निकल सकें। यह नियंत्रित और व्यवस्थित तरीके से किया जाना चाहिए, क्योंकि सड़क अभी भी कई जगहों पर अस्थिर है और हम सभी फंसे हुए वाहनों को निकालने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हम इस समय वाहनों की पूरी तरह से मुक्त आवाजाही की अनुमति नहीं दे पाएंगे और हमें उम्मीद है कि हर कोई हमारे साथ सहयोग करेगा। ”
इस बीच पहलगाम में आतंकी घटना के बाद, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने एक सलाह में कहा कि अपने घर लौटने के इच्छुक पर्यटकों की ओर से अप्रत्याशित मांग है। परामर्श में कहा गया है, “एयरलाइंस को बढ़ती मांग के मद्देनजर उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए त्वरित कार्रवाई करने और श्रीनगर से भारत भर के विभिन्न गंतव्यों तक निर्बाध संपर्क सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती है, ताकि फंसे हुए पर्यटकों को निकालने में सुविधा हो।” एयरलाइनों से यह भी अनुरोध किया गया कि वे रद्दीकरण और पुनर्निर्धारण शुल्क माफ करने पर विचार करें और इस कठिन समय के दौरान अप्रत्याशित परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना करने वाले पर्यटकों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करें।...////...