गोरखपुर-बस्ती मंडल के डेढ़ करोड़ मतदाता तीन मार्च को डालेंगे वोट
09-Jan-2022 11:05 PM 4378
गोरखपुर 09 जनवरी (AGENCY) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण में तीन मार्च को पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर तथा बस्ती मंडल के सातों जिलों के डेढ़ करोड़ से अधिक मतदाता अपने अपने जनप्रतिनिधियों को चुनेंगे। शनिवार को विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद पूर्वांचल में कडाके की ठंड के बीच राजनीतिक माहौल गरमा गया है। गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती,सिध्दार्थनगर व संतकबीर पगर जिले के एक एक करोड 54 लाख 51 जार 251 मतदाता 41 सीटों पर अपना जनप्रतिनिधि चुनेंगे। इस सात जिलों में तीन मार्च को मतदान होगा। चार फरवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी जो 11 फरवरी तक चलेगी। 14 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच व नाम वापसी की अंतिम तिथि 16 फरवरी है। गोरखपुर और बस्ती मंडल के 41 विधान सभा सीटों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीन जनसभाओं के बाद राजनीतिक सरगर्मियां बढ चुकी हैं। समाजवादी पार्टी की विजय रथ यात्रा में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कुशीनगर जिले में अपना दम दिखाया है तो कांग्रेस ने गोरखपुर के चंपा देवी पार्क में रैली करके इसकी हुंकार भरी है। बसपा ने अभी तक कोई जनसभा नही की है जबकि छोटे दलों में आम आदमी पार्टी, सुहेलदेव समाज पार्टी और निषाद पार्टी ने पहले से ही दोनो मंडलों में अपने वोट बैंक को मजबूत करने की चेष्टा में लगे हुए हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनीति में ब्राहमण वोट बैंक पर अच्छी पकड रखने वाले पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी के पुत्र एवं चिल्लूपार विधान सभा क्षेत्र से बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी और तिवारी के बडे पुत्र एवं बसपा से पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी तथा पूर्व विधान परिषद अध्यक्ष गणेश शंकर पान्डेय न समाजवादी पार्टी का दामन पकड लिया है जिससे सपा को काफी राजनैतिक बल मिला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विरोधी खेमा समझा जाने वाला .. तिवारी का हाता.. इस बार सपा के साथ है और वर्तमान विधान सभा चुनाव में भाजपा और सपा के बीच कडी टक्कर नजर आ रही है इसलिए पूर्वांचल में जहां योगी आदित्यनाथ भाजपा के खेवनहार होंगे वहीं तिवारी हाता सपा के लिए खेवनहार बन सकता है। योगी को उनके गढ में घेरने के लिए सपा की यह रणनीति का मुख्य कारक ब्राहमण वोट होगा। वर्ष 2017 के चुनाव में गोरखपुर मंडल के 28 विधान सभा सीटों में से 23 भाजपा के पास था जबकि एक -एक सीट सपा ,बसपा व सुहेलदेव माज पाटी तथा अन्य दो निर्दल के साथ थी। इस तरह से देखा जाय तो सपा के निर्वत्तमान विधान सभा विधान सभा में सपा के विधायकों की संख्या तीन हो गयी है। इसी तरह बस्ती मंडल में 13 सीटों में से भाजपा के पास 12 सीटें थी और एक सीट अपना दल के पास थी। अभी तक अपना दल से भाजपा के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है इसलिए सपा खेमे की नजर अपना दल की ओर भी लगी हुयी है।...////...
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