25-May-2022 08:54 PM
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नयी दिल्ली 25 मई (AGENCY) कोविड के ओमिक्रॉन स्वरूप की लहर और विमानन ईंधन की महंगाई के चलते किफायती उड़ान सेवाएं प्रदान करने वाली एयरलाइन इंडिगो का मार्च 2022 को समाप्त हुयी तिमाही में शुद्ध घाटा बढ़कर 1,681.8 करोड़ रुपये रहा।
इंटरग्लोब एविएशन (इंडिगो) की बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष की समान तिमाही में इस एयरलाइन को 1,147.20 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था।
एयरलाइन का समीक्षाधीन अवधि के दौरान राजस्व बढ़ने के बावजूद शुद्ध घाटा बढ़ा है। वित्त वर्ष 2021-22 की जनवरी-मार्च तिमाही में एयरलाइन की कुल आय 29 प्रतिशत बढ़कर 8207.5 करोड़ रुपये रही जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 6,361.80 करोड़ रुपये थी।
इंडिगो ने कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में ईंधन पर खर्च 68 प्रतिशत बढ़कर 3220.6 करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में 1,914.5 करोड़ रुपये था।
इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोनोजॉय दत्ता ने कहा, “ तिमाही की शुरुआत में ओमिक्रोन वायरस की वजह से मांग में गिरावट के कारण यह अवधि मुश्किल रही है। हालांकि इसके बाद की तिमाही के दौरान यातायात में तेजी और मांग मजबूत थी। हमें ईंधन की ऊंची लागत और कमजोर रुपये से चुनौती मिली है।”
उन्होंने कहा कि एक उबरते बाजार में इंडिगो राजस्व को अधिकतम करने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में है।
पहले डेल्टा और फिर ओमिक्रोन लहर से प्रभावित रहे पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में इंडिगो को 6,161.8 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ।
एयरलाइन को वित्त वर्ष 2020-21 में 5,806.4 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
इंडिगो के पास 31 मार्च, 2022 तक कुल 18,227.6 करोड़ रुपये का नकद अधिशेष था। जिसमें 7,763.2 करोड़ रुपये की मुक्त नकद था और 10,464.4 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित नकदी थी।...////...