पिता के निधन पर फ्रॉड के आरोपी को इंदौर सेशन कोर्ट ने बेल नहीं दी, हाईकोर्ट ने आदेश पलटा, कहा- यह बेटे का दायित्व
12-Oct-2021 07:30 PM 2305
इंदौर फ्रॉड केस में सात महीने से जेल में बंद बेटे को हाईकोर्ट ने पिता की तेरहवीं करने के लिए 10 दिन की अंतरिम जमानत दी। खास बात यह है कि मंगलवार को छुट्‌टी के बावजूद हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए स्पेशल पीठ गठित की गई। कोर्ट ने कहा- बेटे का दायित्व है कि वह पिता के निधन के बाद उत्तर कार्य करे, ताकि पिता के मोक्ष का मार्ग प्रशस्त हो सके। इससे पहले सेशन कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट का आदेश पलटते हुए जमानत मंजूर कर दी। मंगलवार से 19 अक्टूबर तक तक कोर्ट की छुट्‌टी है। कोर्ट 20 अक्टूबर को खुलेगा। लसूड़िया पुलिस ने 7 महीने पहले गौरव अधिकार निवासी विदुर नगर को फ्रॉड के एक केस में हिरासत में लिया था। इसके बाद से वह जेल में है। 7 अक्टूबर पिता सुनील अधिकार का हार्ट अटैक से निधन हो गया। गौरव ने सेशन कोर्ट में जमानत के लिए याचिका लगाई कि वह इकलौता बेटा है। सेशन कोर्ट ने जमानत नहीं दी तो हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। इस बीच कोर्ट में अवकाश शुरू हो गया। वकील प्रवीण योगी और नीलेश मनोरे ने चीफ जस्टिस को आवेदन देकर स्पेशल पीठ गठित कर सुनवाई की मांग की। मंगलवार को जस्टिस सुबोध अभ्यंकर के समक्ष सुनवाई हुई। एडवोकेट योगी और मनोरे ने कोर्ट को बताया कि गौरव के पिता का दसवां 16 और बारहवां 18 अक्टूबर को है। उसे जमानत नहीं दी गई तो वह अपने पिता के अंतिम क्रिया की रस्में नहीं निभा पाएगा। वह बेटे के अपने दायित्वों के निर्वाहन से चूक जाएगा। पिता की मृत्यु के बाद उनकी मुक्ति के लिए उनके उत्तर कार्य करना, उसका दायित्व है। उसे जमानत पर छोड़ा जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की तरफ से रखे गए तर्कों को स्वीकारते हुए गौरव अंतरिम जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी किए। sessions court..///..indore-sessions-court-did-not-grant-bail-to-the-accused-of-fraud-on-the-death-of-the-father-the-high-court-reversed-the-order-saying-–-it-is-the-responsibility-of-the-son-322853
© 2025 - All Rights Reserved - mpenews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^