मुख्य पृष्ठ
देश
मध्यप्रदेश
इतिहास
रूपरेखा
मेले और त्यौहार
लोक नृत्य
लोक गीत
जानीमानी हस्तियां
संस्कृति
पर्यटन
खजुराहो
सांची
ओरछा
उज्जैन
मध्यप्रदेश क्यों
मध्यप्रदेश कैसे पहुँचे
वन
वन्य जीवन
स्कूल शिक्षा
मध्यप्रदेश गान
योजनाएं
दीनदयाल चलित अस्पताल योजना
बीमारी सहायता योजना
दीनदयाल चलित अस्पताल योजना
विक्रमादित्य निःशुल्क शिक्षा योजना
प्रतिभा किरण योजना
गांव की बेटी योजना
कपिलधारा योजना
राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना
बलराम ताल योजना
खेत तालाब योजना
इंदिरा आवास योजना
स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम
जननी सुरक्षा योजना
निःशुल्क सायकिल वितरण योजना
लाड़ली लक्ष्मी योजना
दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना
मुख्यमंत्री नाम की योजनाएं
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना
मुख्यमंत्री पेयजल योजना
मुख्यमंत्री आवास योजना
मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना
मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग स्व-रोजगार योजना
मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
राष्ट्रीय योजनाएं
दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना
अटल पेंशन योजना
दीनदयाल अंत्योदय योजना
राज्य के अंग
मध्यप्रदेश के शासकीय विभाग
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय
कमिश्नर एवं कलेक्टर
मध्यप्रदेश के मंत्री एवं राज्य मंत्री
मुख्य सचिव / अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव
मध्यप्रदेश के जिले
अब तक
मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री
भारत के राष्ट्रपति
भारत के प्रधानमंत्री
मध्यप्रदेश के राज्यपाल
रोजगार
आलेख
सम्पर्क करें
archive
क्या ब्यूरोक्रेसी भी है एक वजह ? जानें पूरा मामला और विवाद
Admin author
India
03-Aug-2021 03:45 PM
3562
जयपुर. राजस्थान में चल रही सियासी खींचतान (Political Tussle) की बड़ी वजह राज्य की नौकरशाही (Bureaucracy) भी मानी जा रही है. समय-समय पर मंत्रियों और ब्यूरोक्रेट्स के बीच टकराव यह बताता है कि राज्य में सियासी खींचतान की पीछे अधिकारियों का जनप्रतिनिधियों के प्रति सकारात्मक नजरिया (positive attitude) नहीं होना भी है. इसके चलते रोजना टकराव बढ़ता है और अधिकारियों को बार-बार तबादलों से रू-ब-रू होना पड़ता है. इसका सीधा असर सरकार के कामकाज पर पड़ता है. वहीं नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स को एक दूसरे को समझने में समय लगता है. इस दरम्यिान सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो पाते हैं. लिहाजा फिर शिकवे-शिकायत का दौर शुरू हो जाता है. नतीजतन सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ती है. शिकवे शिकायत का यही फेज सरकार पर बाद में भारी पड़ने लग जाता है. वहीं आमजन भी इससे सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाने लगता है. दूसरी तरफ पार्टी फोरम पर भी कार्यकर्ताओं के काम नहीं होने की शिकायतों की बाढ़ आ जाती है. यही कारण है कि परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से लेकर विधायक भरत सिंह कुंदनपुर तक ब्यूरोक्रेसी पर निशाना साध चुके हैं. राजस्थान में मंत्रियों और कांग्रेस नेताओं ने ब्यूरोक्रेसी के खिलाफ लंबे समय से मोर्चा खोल रखा है. पायलट भी कह चुके हैं कि अधिकारी सुनते नहीं हैं पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी आरोप लगा चुके हैं कि अधिकारी सुनते नहीं हैं और पार्टी के ही विधायकों की सुनवाई नहीं हो रही है. इस कार्यकाल में विधानसभा में सरकार के मंत्रियों और नेताओं ने ही ब्यूरोक्रेसी पर कई बार निशाना साधा है. इसके चलते कई बार अधिकारियों को बदला भी जा चुका है. लेकिन वे सुधरने के लिए तैयार नहीं है. इस तरह के विवाद के बीच कई बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी दखल देना पड़ा है. मन से काम नहीं करने पर मुख्यमंत्री भी अधिकारियों को कई बार फटकार लगा चुके हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव को लाइव वीसी में फटकार लगाई थी. जनप्रतिनिधियों की अधिकारियों से नाराजगी की यह है वजह – जिले में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक उनकी नहीं सुनते हैं. – सरकार में कार्यकर्ताओं का ही काम नहीं हो पा रहा है. – अफसर ज्ञापनों की मांग पर गंभीर नहीं होते. – लोक कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी फाइलों में देरी करते हैं. – जनप्रतिनिधियों के प्रति अफसरों का रवैया नकारात्मक है. – कई भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से सरकार की छवि पर विपरीत असर पड़ रहा है. इन मंत्रियों और अधिकारियों के बीच हो चुका है विवाद – पूर्व खाद्य मंत्री रमेश मीणा बनाम IAS मुग्धा सिन्हा – पूर्व पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह बनाम IAS एच गुइटे और श्रेया गुहा – मंत्री उदयलाल आंजना बनाम IAS नरेशपाल गंगवार – मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास बनाम IAS राजेश यादव – शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा बनाम IAS मंजू राजपाल रिटायर्ड आईएएस का यह कहना है सेवानिवृत्त आईएएस भागीरथ शर्मा का कहना है कि ब्यूरोक्रेट्स नियमों के तहत काम करता है. ब्यूरोक्रेट्स को खुद को सर्वोच्च नहीं समझना चाहिए. उसे नियमों के अनुसार काम करना चाहिए. राजनेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के बीच विवाद होते रहते हैं. यह कोई नई बात नहीं है. राजनेताओं को भी सही बात के लिए कहना चाहिए और अधिकारियों को गलत काम नहीं करना चाहिये. जयपुर - जोधपुर..///..is-bureaucracy-also-a-reason-know-the-whole-matter-and-controversy-309416
«
गुलाबचंद कटारिया अब बोले-अगर आडवाणी की रथयात्रा नहीं होती तो राम का सम्मान नहीं होता
उच्च शिक्षा
»
कांग्रेस की कथनी करनी में अंतर नहीं-प्रताप सिंह
POST CATEGORY
देश
मुख्यमंत्री
जनसंपर्क मंत्री
मुख्य सचिव
नगरीय विकास
उच्च शिक्षा
स्कूल शिक्षा
पंचायत एवं ग्रामीण विकास
किसान कल्याण एवं कृषि विकास
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
ऊर्जा
जॉब अलर्ट
चर्चा में
सामान्य ज्ञान
साक्षात्कार
एडमिशन
राजस्व
चुनाव संबंधी समाचार
आलेख
© 2025 - All Rights Reserved -
mpenews
|
Hosted by SysNano Infotech
|
Version Yellow Loop 24.12.01
|
Structured Data Test
|
^
^
×
ASPX:
POST
ALIAS:
is-bureaucracy-also-a-reason-know-the-whole-matter-and-controversy
FZF:
FZF
URL:
https://www.mpenews.com/is-bureaucracy-also-a-reason-know-the-whole-matter-and-controversy
PAGETOP:
ERROR: