जम्मू-कश्मीर कृषि स्टार्टअप हब बन रहा है: डॉ. जितेंद्र सिंह
28-Jan-2024 10:53 PM 5786
जम्मू, 28 जनवरी (संवाददाता) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर कृषि स्टार्टअप हब बन रहा है। डॉ. सिंह ने कठुआ जिले के हीरानगर में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 26 जनवरी को नयी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की झांकी में भद्रवाह के लैवेंडर खेती को दर्शाया गया, जो भद्रवाह और जम्मू-कश्मीर को राष्ट्रीय स्तर पर ‘बैंगनी क्रांति’ के जन्मस्थली के रूप में प्रतिष्ठित होने का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि इसका अनुकरण अब अन्य हिमालयी राज्यों जैसे उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ नागालैंड में भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कृषि स्टार्टअप हब की नींव जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के भद्रवाह शहर में रखी गई है, जहां लैवेंडर की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है।उन्होंने याद किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने‘मन की बात’ कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में इसकी खेती के सफलता की कहानी पर विस्तार से बताया था और श्रोताओं को भद्रवाह जैसे छोटे शहर के बारे में बताया था जहां विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अरोमा अभियान के भाग के रूप में यह प्रयोग किया गया है। डॉ.सिंह ने कहा ,“ यह कोशिश भारत को अपनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए एक वैकल्पिक स्रोत प्रदान करता है।भद्रवाह के 3,000 से ज्यादा समृद्ध लैवेंडर उद्यमियों ने भारत के युवाओं को कृषि के माध्यम से स्टार्टअप का एक नया और आकर्षक अवसर प्रदान किया है, जो देश का एक विशिष्ट डोमेन है और देश के आर्थिक विकास और 2047 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने में योगदान देगा।” आज 'किसान सम्मेलन' को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर नयी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर झांकी के माध्यम से भद्रवाह के लैवेंडर फार्मों को दिखाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। इसे एक सफलता की कहानी बताते हुए, डॉ.सिंह ने कहा कि अरोमा अभियान से प्रेरणा लेते हुए, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और नागालैंड राज्यों ने अब लैवेंडर की खेती शुरू कर दी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के तीन हजार से ज्यादा युवा इस मिशन में लगे हुए हैं जो स्वरोजगार के अवसर के रूप में उभरकर सामने आया है और इसमें शामिल युवा लाखों कमा रहे हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत प्रयासों और हरसंभव सहायता प्रदान करने वाले सरकार के उपायों के कारण प्राप्त किया गया है, चाहे वह युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करना हो या लैवेंडर उत्पादों के लिए उद्योग संपर्क सुनिश्चित करना हो या अन्य आवश्यक लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करना हो, इस क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए। उन्होंने जानकारी दिया कि लैवेंडर से बने उत्पाद महाराष्ट्र जैसे राज्यों में हजारों की संख्या में बेचे जाते हैं, जिससे उत्पादकों को बहुत राजस्व प्राप्त होता है। मंत्री ने याद दिलाया कि श्री मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया का आह्वान किया था और प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद लोग इस अभियान में शामिल हुए। इसके बाद स्टार्ट-अप की संख्या उस समय मौजूदा 350 से बढ़कर 1.25 लाख हो गई है, जिससे भारत विश्व में इस क्षेत्र में तीसरे स्थान पर पहुंच चुका है। केंद्रीय मंत्री ने युवाओं से कृषि स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र में शामिल होने का आग्रह किया जिससे वे अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकें और अमृत काल के अगले 25 वर्षों में भारत को नंबर एक की अर्थव्यवस्था बनाने के राष्ट्रीय लक्ष्य को साकार करने में मदद मिल सकें। डॉ. सिंह ने कार्रवाई का आह्वान करते हुए कहा कि जो क्षेत्र या तो अनन्वेषित हैं या कम अन्वेषित हैं, उनमें अर्थव्यवस्था में मूल्यवर्धन करने की क्षमता है। उन्होंने यह भी कहा कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में जम्मू-कश्मीर की अग्रणी बैंगनी क्रांति की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होगी। जम्मू-कश्मीर, विशेष रूप से कठुआ में सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों की सुरक्षा के लिए किए गए उपायों के बारे जिक्र करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके लिए बंकरों का निर्माण किया गया है जिससे वे सीमा पार से की गई गोलीबारी से बच सकें। श्री सिंह ने कहा कि इससे पहले वहां के निवासियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया था और वे या तो अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेते थे या पंचायतों में। इसी प्रकार, सड़क संपर्क को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पूर्ण रूप से सुधार किया गया है और सीमावर्ती निवासियों को चार प्रतिशत आरक्षण भी प्रदान किया गया है।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - mpenews | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^