जम्मू-कश्मीर के चतुर्दिक विकास के कारण बदला है वहां का माहैाल: शंकराचार्य
15-Dec-2023 06:25 PM 7845
मथुरा ,15 दिसंबर ( वार्ता) पूर्वाम्नाय गोवर्धन पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के चतुर्दिक विकास के कारण वहां का माहौल अब बदल चुका है। उन्होंने कहा कि लोगों में न केवल सुरक्षा की भावना बढ़ी है बल्कि वहां का प्रेम और सदभाव लौट रहा है।उन्होंने इसका श्रेय वहां के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को दिया जिन्होंने नये कश्मीर की कल्पना को साकार करने के लिए न केवल विभिन्न प्रकार की योजनाएं बनवाईं बल्कि उन पर अमल होना भी सुनिश्चित किया। शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ आज ही जम्मू-कश्मीर की चार दिवसीय यात्रा पूर्ण कर गोवर्धन स्थित आदि शंकराचार्य आश्रम में पहुंचे , जहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि जम्मू-कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में वर्ष 1997 से वह लगातार भ्रमण करते रहे हैं। पिछले तीन साल में वहां भौतिक विकास के साथ-साथ संस्कृत भाषा और संस्कृति का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। शांतिपाठ और वेदमंत्रों की गूंज राज्य में सुनाई दे रही है। राष्ट्र विरोधी शक्तियों का दमन हुआ है। देश की अंतिम सीमा तक सड़कों का जाल बिछ गया है और निर्भयता तथा आपसी सदभाव का वातावरण कायम हुआ है। जगद्गुरु ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की पावन भूमि आदि शंकराचार्य की साधनास्थली रही है। इसी भूमि में प्रत्यभिज्ञान दर्शन के संस्थापक आचार्य अभिनव गुप्त, महाकबि कल्हण, महाकवि बिल्हड, सहित अनेक प्राचीन संस्कृत मनीषियों का उद्भव हुआ है। उपराज्यपाल के अथक प्रयास के बाद राज्य के विश्वविद्यालयों में अब संस्कृत और भारतीय दर्शन पढ़ाया जा रहा है। वहां चूड़ामणि संस्कृत संस्थान बसोहली, और श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट जैसे संस्थान संस्कृत भाषा और वैदिक साहित्य के विस्तार के लिए अच्छा प्रयास कर रहे हैं। इसका असर यह हुआ कि वहां के लोगों में संस्कृत और वैदिक साहित्य के प्रति रुचि भी बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है, जो सनातन धर्म के विस्तार और राष्ट्र की संप्रभुता के लिए शुभ संकेत है। पत्रकार वार्ता में मौजूद आदि शंकराचार्य आश्रम प्रभारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट जम्मू ने हाल ही में अपना 11वां स्थापना दिवस मनाया है । इस समारोह की अध्यक्षता शंकराचार्य अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने की है और राज्य के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर के बारे में उक्त निष्कर्ष पर पहुंचने के पहले जगद्गुरू न केवल वहां के तमाम संगठनों के प्रतिनिधियों से मिले बल्कि कुछ स्थानो पर जाकर वहां के हालात के बारे में जानकारी भी ली। उन्होंने बताया कि गोवर्धन पीठाधीश्वर ने माता वैष्णव देवी के दर्शन व पूजनकर जम्मू-कश्मीर के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विकास की कामना भी की । गोवर्धन स्थित आदि शंकराचार्य आश्रम में कुछ घंटे के प्रवास के बाद जगद्गुरु शंकराचार्य नेपाल के लिए प्रस्थान कर गये। वह वहां जनकपुर धाम में आयोजित श्री सीताराम विवाहोत्सव में भाग लेंगे।...////...
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