जम्मू-कश्मीर को भारत का सर्वश्रेष्ठ कला शहर बनते देखना चाहता हूं: एलजी सिन्हा
31-Jul-2024 11:23 PM 1303
श्रीनगर, 31 जुलाई (संवाददाता) जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को कहा कि वह जम्मू और श्रीनगर को भारत के सर्वश्रेष्ठ कला शहर बनते देखना चाहते हैं। श्री सिन्हा ने यह बात यहां विश्व शिल्प परिषद (डब्ल्यूसीसी) द्वारा श्रीनगर को 'वर्ल्ड क्राफ्ट सिटी' के रूप में मान्यता देने के उपलक्ष्य में आयोजित प्रमाणपत्र पुरस्कार समारोह के दौरान कही। उपराज्यपाल ने कहा, “मैं जम्मू और श्रीनगर को भारत के सर्वश्रेष्ठ कला शहर बनते देखना चाहता हूं, मैं दोनों शहरों को कलाकारों के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थल और अनमोल कला के चाहने वालों के लिए पसंदीदा गंतव्य का दावा करते देखना चाहता हूं।” श्रीनगर 'वर्ल्ड क्राफ्ट सिटी' का प्रतिष्ठित खिताब प्राप्त करने वाला देश का चौथा शहर है। प्रमाणपत्र पुरस्कार समारोह में विश्व शिल्प परिषद के अध्यक्ष साद हानी अल-कद्दुमी और परिषद के अन्य प्रमुख व्यक्तित्वों ने हिस्सा लिया। अपने संबोधन में, उपराज्यपाल ने लोगों, कारीगरों, शिल्पकारों और सभी हितधारक विभागों को इस महत्वपूर्ण अवसर पर बधाई दी। उन्होंने कहा “श्रीनगर को विश्व शिल्प परिषद (डब्ल्यूसीसी) द्वारा 'वर्ल्ड क्राफ्ट सिटी' के प्रमाणपत्र से सम्मानित किए जाने पर वास्तव में खुशी हुई। यह अपनी अमूल्य सांस्कृतिक और कलात्मक विरासत के लिए विख्यात प्राचीन शहर के लिए एक बड़ा सम्मान है। यह जम्मू-कश्मीर के शिल्प और शिल्प कौशल को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए एक लंबा रास्ता तय करेगा।” श्री सिन्हा ने दुनिया भर के शहरों की कलात्मक परंपराओं को प्रेरित करने और बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए विश्व शिल्प परिषद की सराहना की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को एक समावेशी सांस्कृतिक पारिस्थितिकी तंत्र पर गर्व है, जिसने हमेशा बुनकरों और शिल्पकारों को प्रेरित किया। मैं विश्वास करता हूं कि श्रीनगर शहर को सम्मानित करके विश्व शिल्प परिषद ने 5000 साल की समृद्ध भारतीय सभ्यता को भी सम्मानित किया है, जिसने रचनात्मक परंपराओं को जीवित रखा और हमेशा प्रतिभाशाली कारीगरों को उनकी सरलता और शिल्प कौशल के लिए बढ़ावा दिया। उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर की अनूठी सांस्कृतिक और कलात्मक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने और जम्मू-कश्मीर के कारीगरों और शिल्पकारों को स्थायी आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए प्रशासन के प्रयासों पर प्रकाश डाला। सिन्हा ने कहा कि जम्मू कश्मीर को न केवल अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान और इसकी चिरस्थायी भारतीय सांस्कृतिक संपत्ति के लिए भारत का मुकुट कहा जाता है, जिसे विभिन्न प्रकार के रचनात्मक उत्पादों में देखा जा सकता है। उन्होंने हस्तशिल्प, हथकरघा उत्पादों के विपणन और निर्यात और सभी शिल्पों के संवर्धन में कारीगरों का समर्थन करने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए भी दृढ़ संकल्पित है कि उनके रचनात्मक उत्पाद आर्थिक रूप से आकर्षक हों और काम पेशेवर रूप से संतोषजनक हो। सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्र में बदलाव का नेतृत्व करने के लिए हथकरघा और हस्तशिल्प विभाग और उद्योग और वाणिज्य विभाग के प्रयासों की सराहना की। उपराज्यपाल ने कहा, “मुझे विश्वास है कि श्रीनगर को अब 'वर्ल्ड क्राफ्ट सिटी' के रूप में मान्यता मिलने से न केवल वैश्विक बाजार में श्रीनगर को एक नई पहचान मिलेगी, बल्कि शिल्प कौशल एक प्रतिष्ठित व्यवसाय के रूप में अपने आपको फिर से स्थापित करेगा।” इस अवसर पर बोलते हुए, विश्व शिल्प परिषद (डब्ल्यूसीसी) के अध्यक्ष श्री साद हानी अल-कद्दुमी ने श्रीनगर को 'वर्ल्ड क्राफ्ट सिटी' के रूप में मान्यता देने पर जम्मू-कश्मीर सरकार को बधाई दी। श्रीनगर दुनिया भर के शिल्प शहरों में सुयोग्य शहरों में शामिल हो गया है। इस अवसर पर, उपराज्यपाल ने विश्व शिल्प परिषद की 60 वर्षों की यात्रा को दर्शाने वाला एक प्रकाशन जारी किया।...////...
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