08-Jan-2022 10:38 PM
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श्रीनगर 8 जनवरी (AGENCY) उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले में पुलिस ने शुक्रवार को एक कश्मीरी पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया।
पत्रकारिता के छात्र सज्जाद गुल, हाल ही में एक प्रशिक्षु संवाददाता के रूप में ऑनलाइन न्यूजपोर्टल ‘द कश्मीर वाला’ में शामिल हुआ था। उसे हाजिन में लश्कर-ए-तैयबा के एक शीर्ष कमाडंर की हत्या के विरोध में सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
उसके रिश्तेदारों के अनुसार सज्जाद को पांच जनवरी को हिरासत में लिया गया था और बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
‘द कश्मीर वाला’ के अनुसार सज्जाद पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी (आपराधिक साजिश में शामिल होने), 153बी (राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा), और 505 बी (जनता के लिए भय ) के तहत आरोप लगाया गया है।
‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फहद शाह ने गुल की तत्काल रिहाई की मांग की है।
पुलिस ने कहा, “सज्जाद हमेशा ‘विवादास्पद बयान’ ट्वीट करता है और जनता को उकसाने के बाद, उन्हें हटा देता है. वह इस तरह क्षेत्र की शांति बाधित करने वाली शरारती गतिविधियों में शामिल होता है।”
इस संबंध में कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा, “वह तथाकथित पत्रकार सज्जाद गुल के नाम से एक ट्विटर अकाउंट चलाता है, जो हमेशा सरकार विरोधी समाचारों की तलाश में रहता है और ऐसे ट्वीट अपलोड करता है, जो लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काने और राष्ट्र के प्रति लोगों में दुश्मनी फैलाने वाले होते हैं। उसके ट्वीट तथ्यों पर आधारित नहीं होते हैं।”
उन्होंने कहा कि पिछले साल उसके खिलाफ अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी, जिसमें उसने स्थानीय लोगों को उस अभियान के खिलाफ उकसाया था।
उन्होंने कहा,“जिस दिन श्रीनगर के शालीमार में मोस्ट वांटेड आतंकवादी सलीम पारे मारा गया था, उस दिन हाजिन में राष्ट्र विरोधी नारों के वीडियो अपलोड किए गए थे, जिससे शांति भंग करने की कोशिश की जा रही थी। सज्जाद की गतिविधियां देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरनाक हैं।”
सज्जाद की गिरफ्तारी की विभिन्न राजनीतिक दलों ने आलोचना की है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सज्जाद की गिरफ्तारी को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।
सुश्री महबूबा ने ट्वीट किया, “जम्मू-कश्मीर और शेष भारत के लिए लागू कानूनों का एक अलग सेट है। खुलेआम मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान करने वाले कट्टरपंथी समूह खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि राज्य प्रायोजित मानवाधिकारों का उल्लंघन उजागर करने वाले कश्मीरी पत्रकार जेल में हैं। कानूनों का भी सांप्रदायिकरण किया जा रहा है।”
वहीं, पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बनाई गई समिति ने ट्वीट किया कि सज्जाद की गिरफ्तारी की खबरों से वह बेहद परेशान है, समिति ने अधिकारियों से गुल को तुरंत रिहा करने का आग्रह किया है।
समिति ने एक ट्वीट में कहा कि वह उन खबरों से बहुत परेशान है जिसमें कश्मीरी पत्रकार सजाद गुल को सोशल मीडिया पर एक विरोध प्रदर्शन का वीडियो पोस्ट करने के कुछ दिनों बाद गिरफ्तार किया गया है।...////...