जम्मू-कश्मीर में पिछले वर्ष 6000 से अधिक सड़क हादसों में 893 की मौत
04-Feb-2024 06:49 PM 7724
श्रीनगर 04 फरवरी (संवाददाता) जम्मू-कश्मीर में पिछले वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि देखी गई और इस दौरान 6,292 घटनाओं में 893 लोगों की मौत हो गई। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है। जम्मू-कश्मीर ट्रैफिक पुलिस से प्राप्त आंकड़े पिछले तीन वर्षों की तुलना में चिंताजनक वृद्धि का संकेत देते हैं। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 में 996 मौतें हुईं, इसके बाद 2020 में 728, 2021 में 774 और 2022 में 805 मौतें हुईं। वर्ष 2023 के आंकड़ों से पता चला कि 730 घातक दुर्घटनाएं और 5,568 गैर-घातक दुर्घटनाएं हुईं, जिसके परिणामस्वरूप केंद्र शासित प्रदेश में 893 लोगों की मौत हुई और 8,469 लोग घायल हुए। कश्मीर संभाग विशेष रूप से श्रीनगर जिले में 55 मौतों के साथ 476 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं। जम्मू संभाग में जम्मू जिले में सबसे अधिक 1,179 दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 171 लोग हताहत हुए। आंकड़ों से पता चलता है कि अधिकारियों ने पिछले वर्ष यातायात उल्लंघन के लिए 1,372,501 चालान जारी किए, जिसमें अदालत और कंपाउंड चालान दोनों शामिल थे। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि श्रीनगर सिटी ट्रैफिक पुलिस ने 4,08,167 चालान जारी किए, ग्रामीण कश्मीर ने 406,338 चालान जारी किए, सिटी जम्मू ट्रैफिक पुलिस ने 332,221 चालान, ग्रामीण जम्मू ने 130,974 चालान जारी किए और राष्ट्रीय राजमार्ग रामबन इकाई ने 94,801 ऐसे चालान जारी किए। जम्मू-कश्मीर में कई सड़क मौतें राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुईं, खासकर जम्मू के पहाड़ी डोडा-किश्तवाड़-रामबन इलाकों में। आंकड़ों के मुताबिक, जम्मू से श्रीनगर और जम्मू से डोडा-किश्तवाड़ के बीच चुनौतीपूर्ण सड़क स्थितियां कई दुर्घटनाओं में योगदान दे रही हैं। विशेषज्ञ दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सार्वजनिक शिक्षा, सड़क सुधार और कड़े कानून प्रवर्तन की आवश्यकता पर बल देते हैं। उन्होंने कहा,“दुर्घटनाएं विचलित ड्राइविंग, तेज गति, खराब सड़क रखरखाव और गड्ढों के कारण होती हैं। वाहन संबंधी समस्याएं, यातायात नियम तोड़ना और अनुभव की कमी भी मौतों में योगदान करती है।” उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन की रक्षा करने और सड़क दुर्घटनाओं की दुखद संख्या को कम करने के लिए सड़क सुरक्षा उपाय और जागरूकता अभियान अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। एक वरिष्ठ यातायात पुलिस अधिकारी ने कहा कि इन दुर्घटनाओं के प्राथमिक योगदानकर्ताओं में अत्यधिक गति, ओवरलोडिंग और आक्रामक ड्राइविंग शामिल हैं। उन्होंने कहा,“यह समझना महत्वपूर्ण है कि पुलिस हर जगह मौजूद नहीं हो सकती। यात्रियों और ड्राइवरों दोनों को सावधानी बरतनी चाहिए। लापरवाही से गाड़ी चलाने से बचना चाहिए।” अधिकारी ने कहा,“यातायात पुलिस ने ड्राइवरों को ट्रैफिक नियमों के बारे में शिक्षित करने के लिए विभिन्न जागरूकता अभियान शुरू किए हैं और उल्लंघन के लिए पर्याप्त जुर्माना लगाया है।...////...
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