17-Feb-2023 11:47 PM
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नयी दिल्ली, 17 फरवरी (संवाददाता) अतिथि राष्ट्रीय जनजाति आयोग के सदस्य अनंत नायक ने शुक्रवार को कहा कि जनजातीय समुदायों के कारण अंग्रेजों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, इसलिए अंग्रेजों ने जनजातीय समुदायों पर काफी अत्याचार किए, उनके खिलाफ दमनकारी कानून बनाए।
श्री नायक ने यहाँ ‘जनजाति गौरव’ पुस्तक का लोकार्पण के मौके पर कहा कि जब वे कॉलेज में पढ़ते थे, तो इस बात को सोचकर परेशान रहते थे कि क्या आजादी की लड़ाई में जनजातीय समुदाय का कोई योगदान नहीं हैं, क्योंकि किताबों में इसका उल्लेख नहीं मिलता था। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक इस दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रयास है और पुस्तक के संपादक तथा प्रकाशक बधाई के पात्र हैं।
डॉ. सच्चिदानंद जोशी और श्री सत्येंद्र सिंह द्वारा संपादित और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) तथा अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘जनजाति गौरव’ पुस्तक का लोकार्पण आईजीएनसीए के सभागार ‘समवेत’ में हुआ।
लोकार्पण के अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय जनजाति आयोग के सदस्य श्री अनंत नायक, आईजीएनसीए के अध्यक्ष रामबहादुर राय, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष श्री रामचंद्र खराड़ी, आईजीएनसीए के सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी और पुस्तक के लेखन, प्रकाशन से जुड़े लोग उपस्थित हुए।
इस अवसर पर आईजीएनसीए की कला दर्शन गैलरी में एक महत्त्वपूर्ण प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया है, जो 27 फरवरी तक चलेगी। इस प्रदर्शनी में स्वाधीनता संग्राम के विभिन्न चरणों में अपना योगदान और बलिदान देने वाले जनजातीय समुदाय के वीरों-वीरांगनाओं के सुंदर पेंसिल स्केच प्रदर्शित किए गए हैं। उनके बारे में उपयोगी जानकारी भी दी गई है। यह प्रदर्शनी स्वाधीनता संग्राम में जनजातीय समुदाय के योगदान के बारे में बहुत महत्त्वपूर्ण जानकारी देती है।
श्री राय ने कहा कि यह पुस्तक जनजातीय लोगों और हमारे लिए एक धर्मग्रंथ की तरह है। हमारे जनजातीय इलाकों और जनजातीय महापुरुषों के बारे में जो उपेक्षा का भाव था, यह पुस्तक उस उपेक्षा के भाव को तोड़ेगी और उनसे परिचित कराएगी, जिनके बारे में हमें बहुत कम जानकारी है। डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि आजादी का संघर्ष भारत के कोने-कोने में जन-जन का संघर्ष था।
लोकार्पण कार्यक्रम के प्रारम्भ में विद्यार्थी ने जनजातीय गौरव पर गीत प्रस्तुत किया और अंत में पूर्वोत्तर के विद्यार्थियों ने बिहू नृत्य और अन्य नृत्य प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में जनजातीय समुदाय के बलिदानों के बारे में बतातीं छोटी-छोटी फिल्में भी दिखाई गईं।...////...