जीएसटी से मिली है आम उपभोक्ताओं को राहत: सीतारमण
01-Jul-2023 08:39 PM 7599
नयी दिल्ली 01 जुलाई (संवाददाता) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी) बताये जाने की कड़ी आलोचना करते हुये शनिवार को कहा कि अप्रत्यक्ष कर की दिशा में हुये इस अभूतपूर्व सुधार से पहले की तुलना में जीएसटी तंत्र के प्रभावी होने के बाद दरों में कमी आने से उपभोक्ताओं के साथ न्याय हुआ है और आम उपभोक्ताओं को राहत मिली है। श्रीमती सीतारमण ने जीएसटी के लागू होने के छह वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में आम जरूरत की वस्तुओं पर जीएसटी पूर्व और उसके बाद की तुलनात्मक ब्योरा देते हुये कहा कि खाने पीने की वस्तुओं पर कर की दरें कम हुयी है। उन्होंने कहा कि गैर ब्रांडेड या बिना डिब्बा बंद अधिकांश खाद्य पदार्थों जैसे पनीर, दूघ, दही, अनाज आदि पर कोई कर नहीं है। इसके साथ ही हेयर ऑयल, इलेक्ट्रानिक उत्पाद, घरेलू उपयोग की इलेक्ट्रानिक वस्तुओं के साथ ही कृषि के लिय उपयोगी उपकरणों पर भी जीएसटी तंत्र में कर में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद जीएसटी को लेकर गलत एवं भ्रामक जानकारी दी जाती है और लोगों को भ्रमित किया जाता है। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू किये जाने से पहले देश का अप्रत्यक्ष कर तंत्र बिखरा हुआ था जिसमें सभी राज्य हर उद्योग के लिए अलग-अलग बाजार और उपभोक्ताओं के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था थी। जीएसटी से पूर्व की कर व्यवस्था में एक ही उत्पाद पर कर पर कर लगता था। जीएसटी के कारण कर राजस्व में कमी आने के राज्यों के दोषारोपण पर आंकड़ो के हवाले से जबाव देते हुये उन्होंने कहा कि जीएसटी से पहले राज्यों के कर में 8.3 प्रतिशत की वृद्धि थी जबकि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 11.5 प्रतिशत थी जिससे जीडीपी वृद्धि की तुलना में कर बढोतरी कम थी। इसके उलट जीएसटी लागू होने के बाद जीडीपी वृद्धि दर 9.8 प्रतिशत रही है जबकि राज्यों के कर राजस्व वृद्धि 12.3 प्रतिशत रही है। इससे जीडीपी की तुलना में राजस्व वृद्धि दर अधिक रही है। उन्होंने कहा कि क्षतिपूर्ति के कारण राज्यों के राजस्व में बढोतरी हुयी है तो यह गलत है। बगैर क्षतिपूर्ति कर के कारण भी राजस्व में वृद्धि हुयी है। जीएसटी से राज्यों के राजस्व में बढ़ोतरी हुयी है। उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षाें में जीएसटी की दरों में कमी कर तर्कसंगत बनाये जाने से आम लाेगों को राहत मिली है। जीएसटी दरों की एक नियमित अंतराल पर समीक्षा की जा रही है और दरों को तर्कसंगत बनाया जा रहा है। इस मौके पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जीएसटी को देश का आर्थिक एकीकरण करने वाला सुधार बताते हुये कहा कि यह कर व्यवस्था इतनी सरल होनी चाहिए की देश का छोटा से छोटा व्यापारी भी इसको अपनाने के लिये आगे आ सके और इसका अनुपालन कर सके। इस कार्यक्रम में सीबीआईसी के अधिकारियों के दैनिक प्रदर्शन की निगरानी के लिए ‘प्रतिदि” नाम से एक पहल की भी शुरूआत की गयी तथा बेहतर एवं उल्लेखनीय कार्य करने वाले सीबीआईसी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र के माध्यम से सम्मानित किया गया।...////...
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