17-Jun-2025 06:57 PM
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नयी दिल्ली 17 जून (संवाददाता) कांग्रेस ने केंद्र सरकार की जातिगत जनगणना की अधिसूचना पर संदेह व्यक्त करते हुए मंगलवार को कहा कि इसके लिए पूरी प्रक्रिया का पालन और पर्याप्त बजट का आवंटन किया जाना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 16वीं जनगणना के लिए जारी की गयी अधिसूचना में जातिगत जनगणना का उल्लेख नहीं है। इससे सरकार की मंशा पर संदेह पैदा होता है। इसके अलावा जनगणना के लिए पर्याप्त राशि का आवंटन भी नहीं किया गया है जिससे लगता है कि सरकार इस मामले को टाल रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कोविड का बहाना लेकर कई वर्ष तक जनगणना में देरी की गयी। उन्होंने कहा, “अब जो जातिगत जनगणना है, उसमें भी न कहीं नहीं मुझे उनकी नीयत में शक है कि यह सिर्फ बात को टालने के लिए और अपना वादा पूरा नहीं करने की पूरी भूमिका बांध चुके हैं।”
श्री पायलट ने कहा कि मोदी सरकार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मांग के दबाव में जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया है, लेकिन इसके लिए पूरी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना का तात्पर्य केवल लोगों की जाति पूछना नहीं बल्कि उनकी सामाजिक- आर्थिक स्थिति की जानकारी लेना है जिससे समाज के समग्र कल्याण की योजनायें तैयार की जा सके। जनगणना की प्रक्रिया में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की पहुंच की जानकारी पता करने का तरीका भी शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनगणना पर 10 हजार करोड़ रुपया तक खर्च होता है, लेकिन सरकार ने 570 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। उन्होंने कहा कि जनगणना के लिए पर्याप्त धनराशि का आवंटन नहीं हो रहा है। जनगणना की शुरुआत वर्ष 2027 में हो रही है। जो बात जनता के सामने बोली जा रही है, वह औपचारिक अधिसूचना में नहीं है। सरकार को जनगणना के लिए पर्याप्त आवंटन करना चाहिए।
तेलंगाना के जातिगत गणना का माॅडल अपनाने पर बल देते हुए श्री पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार को पूरे समुदाय की स्थिति जानने के लिए इसे अपनाना चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस जनगणना से जुड़े मुद्दे पूरी मजबूती से उठायेगी।...////...