28-Apr-2022 10:31 PM
3454
तिरुवनंतपुरम 28 अप्रैल (AGENCY) केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि केरल ने पिछले छह सालों में एक बार भी पेट्रोलियम उत्पादों पर कर नहीं बढ़ाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा था कि कुछ राज्यों ने पेट्रोलियम उत्पादों पर कर दरें कम नहीं की हैं, जिसके जवाब में मुख्यमंत्री ने यह बात कही।
श्री विजयन ने कहा, “दूसरी तरफ, 2014 से केंद्र सरकार ने पेट्रोलयिम पर कर दरें 14 बार बढ़ाई हैं, और केवल चार बार कम की हैं। यह उल्लेखनीय है कि केंद्र ने यह वृद्धि मूल उत्पाद शुल्क पर नहीं की, जो राज्यों के साथ साझा किया जाता है।”
उन्होंने कहा, “वर्ष 2014 में पेट्रोल पर कुल उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये था। इसे धीरे-धीरे 32.92 रुपये तक बढ़ाया गया और अब यह 27.90 रुपये है। डीजल पर उत्पाद शुल्क 3.56 रुपये से 31.83 रुपये तक बढ़ाया गया और अब यह 21.80 रुपये है। केंद्र सरकार की कुल कर आय का 15 प्रतिशत अब अधिशुल्क और उपकर से आता है।”
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 270 के अनुसार अधिभार और उपकर राज्यों के साथ साझा होने वाले विभाज्य कर पूल का हिस्सा नहीं हैं। केंद्र सरकार ने कर दरें इस तरह से बढ़ाई हैं कि उनसे राज्यों को लाभ न पहुंचे।
जीएसटी मुआवजे सहित हमारे राजस्व हिस्से के वितरण में देरी के कारण, राज्यों को गंभीर वित्तीय बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि आम लोगों के जीवन को असहनीय नहीं बनाया जाना चाहिए। इसके लिए अत्यधिक कर वृद्धि से बचना चाहिए। मुख्यमंत्री ने केंद्र से अनुरोध किया कि राष्ट्रीय हित में सरकार उचित नीतियों के माध्यम से ईंधन की कीमतों में आवर्ती वृद्धि को रोकने के लिए कदम उठाए।
श्री विजयन ने कहा कि बढ़ती हुई पेट्रोल-डीजल की कीमतों के कारण उपजी आम लोगों की समस्याओं को राज्यों पर इलजाम डालकर हल नहीं किया जा सकता।...////...